B`Day Special: हीरो से ज्यादा फीस लेता था यह विलेन, कभी बनना चाहते थे फोटोग्राफर
फिल्मों में काम करने से पहले प्राण एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे और इसलिए उन्होंने दिल्ली की एक फोटोग्राफी कंपनी के साथ भी काम किया था.
नई दिल्ली: बॉलीवुड में कई बार खलनायक बने नजए आए एक्टर प्राण का जन्म आज ही के दिन हुआ था. उनका जन्म एक पंजाबी परिवार में 12 फरवरी 1920 को हुआ था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और वह 6 दशक तक फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव रहे थे. एक दौर ऐसा भी जब वह हीरो से ज्यादा फीस लिया करते थे. उन्हें फिल्मफेयर, दादा साहेब फालके समेत कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. बतोर अभिनेता तो प्राण को कई लोग जानते हैं लेकिन वह एक अच्छे इंसान भी थे.
बनना चाहते थे फोटोग्राफर
बता दें, फिल्मों में काम करने से पहले प्राण एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे और इसलिए उन्होंने दिल्ली की एक फोटोग्राफी कंपनी के साथ भी काम किया था. हालांकि, शायद उस वक्त प्राण ने भी यह नहीं सोचा था कि वह बॉलीवुड के खलनायक बन जाएंगे. भारत और पाकिस्तान के बटवारे से पहले प्राण ने 1941 से 1947 के बीच कई फिल्मों में काम किया लेकिन बटवारे के बाद उनका काम भी प्रभावित हुआ और उन्हें इंडस्ट्री से कुछ वक्त के लिए ब्रेक लेना पड़ा. बटवारे के बाद प्राण मुंबई आ गए थे जहां काफी वक्त तक फिल्मों में काम न मिलने की वजह से उन्हें एक होटल में काम करना पड़ा था.
लौटा दिया था अपना फिल्मफेयर अवॉर्ड
इसके बाद प्राण को फिल्म 'बॉम्बे टॉकिज' में एक छोटा सा किरदार निभाने का मौका मिला था और इसके बाद एक बार फिर प्राण का दौर लौट आया. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया. एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने अपनी फिल्म 'बेइमान' के लिए बेस्ट सपोर्टिग का फ़िल्मफेयर अवार्ड लौटा दिया था और इसका कारण यह था कि फिल्मफेयर ने उस साल रिलीज हुई फिल्म 'पाकीजा' को एक भी अवॉर्ड नहीं दिया था, जिसकी वजह से प्राण काफी नाराज थे. अभिनेता और डायरेक्टर मनोज कुमार ने प्राण के अभिनय के कुछ और रंगों से हमें परिचित कराया. उन्होंने ही प्राण को विलेन के रोल से निकालकर पहली बार 'उपकार' में अलग तरह के किरदार निभाने का मौका दिया था. उसके बाद प्राण कई फ़िल्मों में सहायक अभिनेता के रूप में उभर कर सामने आए.
'बॉबी' के लिए 1 रुपए की ली थी फीस
प्राण ने एक्टर और डायरेक्टर राजकपूर की फिल्म 'बॉबी' के लिए महज एक रुपए की फीस ली थी. दरअसल, राजकपूर ने अपनी सारी पूंजी फिल्म 'मेरा नाम जोकर' पर लगा दी थी और वो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पुरी तरह से फ्लॉप हो गई थी, जिसके बाद राजकपूर काफी आर्थिक परेशानी से जूझ रहे थे. इसी बीच उन्होंने फिल्म बॉबी से अपने नुकसान को पूरा करने की कोशिश की और इस वजह से प्राण साहब ने उनसे सिर्फ एक रुपए की फीस ली थी. फिल्मी जगत के इस प्राण ने 12 जुलाई 2013 को सबको अलविदा कह दिया था और बस अपनी कई सारे यादें छोड़ कर चले गए थे. प्राण को उनकी एक्टिंग और फिल्मी दुनिया में उनके काम के लिए पद्मभूषण और दादा साहेब फालके जैसे अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है.