Banned Films OTT: ओटीटी का एक मतलब है, आजादी. इस पर मौजूद कंटेंट सरकारी सेंसरशिप से बाहर है. फिलहाल तो यही स्थिति है, मगर कई लोग ओटीटी को भारत में सेंसरशिप के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं. उनका सबसे बड़ा आरोप है कि ओटीटी पर अश्लीलता और नग्नता की भरमार है. ओटीटी अब घर-घर में है और बच्चे तथा किशोरों के प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है. फिल्मों में अश्लीलता और नग्नता पर बहस पुराना विषय है. इस मुद्दे पर भारत में कई फिल्मों पर या तो सेंसर की जबर्दस्त कैंची चली या फिर वे बैन हुईं. मगर ओटीटी पर ऐसी फिल्में उपलब्ध हैं, जो भारत में बैन हुईं. एक नजर ऐसी फिल्में और उन प्लेटफॉर्म पर, जहां इन्हें देखा जा सकता है...


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फायर (Fire, 1996): निर्देशक दीपा मेहता की फायर महिलाओं के बीच समलैंगिकता और धर्म को लेकर अपनी टिप्पणियों और दृश्यों के लिए लोगों के गुस्से का शिकार हुई. फिल्म को कई जगहों से थियेटरों से उतार लिया गया और फिर नहीं लगी. ओटीटी पर तमाम प्लेटफॉर्मों से हटा ली गई. यूट्यूब पर आप इसे ढूंढ सकते हैं.


परजानिया (Parzania, 2005): 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के गुजरात दंगों के दौरान अपने बेटे के गायब होने के बाद एक पारसी दंपत्ति उसे खोज रहा है. फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है. नसीरुद्दीन शाह और सारिका लीड रोल में हैं. फिल्म डिज्नी हॉटस्टार पर उपलब्ध है.


वाटर (Water, 2005): जॉन अब्राहम स्टारर यह फिल्म एक विधवा स्त्री की कहानी है. विधवा होने पर उसे एक आश्रम में भेज दिया जाता है. जहां उसका जीवन लगातार कठिन होता जाता है. फिल्म की शूटिंग भारत में रोक दी गई थी, तब इसे श्रीलंका में शूट किया गया. यह थिएटरों में रिलीज नहीं हुई. अमेजन और नेटफ्लिक्स के अब यह फिल्म यूट्यूब पर मिलेगी.


अनफ्रीडम (Unfreedom, 2014): यह सबसे चर्चित प्रतिबंधित फिल्मों में से एक है. फिल्म में नायिका की समलैंगिकता का मुद्दा है. वह अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रही है. 2014 में बैन होने के बावजूद यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर थी. मगर बाद में हटा ली गई. यूट्यूब पर यह अब भी मौजूद है.


एंग्री इंडियन गॉडेसेस (Angry Indian Goddesses, 2015): छह महिलाओं की इस कहानी को अपने दृश्यों और संवादों की वजह से सेंसर में कई कट्स का सामना करना पड़ा और फिर इसे प्रतिबंधित कर दिया गया. लेकिन अब यह एपल टीवी पर देखने के लिए उपलब्ध है. फिल्म यूट्यूब पर भी उपलब्ध है.


लिपस्टिक अंडर माई बुर्का (Lipstick Under My Burka, 2016): लिपस्टिक अंडर माई बुर्का की भारी आलोचना हुई. यह फिल्म जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की चार महिलाओं के बारे में है और वे कैसे स्वतंत्रता और खुशी पाती हैं. इसे अमेजन प्राइम वीडियो पर देखा जा सकता है.