`अलग-अलग मर्दों के साथ सोना चाहती हूं`, यशराज चोपड़ा की फिल्म पर बरसे जावेद अख्तर, बोले- क्या ये कूल लगता है?
स्क्रिप्ट राइटर और लिरिसिस्ट जावेद अख्तर ने यश चोपड़ा की फिल्म के डायलॉग पर सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि आखिर जब तक है जान फिल्म के एक डायलॉग का मतलब क्या है. पढ़िए आखिर उन्होंने क्या कहा है.
स्क्रिप्ट राइटर और लिरिसिस्ट जावेद अख्तर एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में हैं. उन्होंने हालिया इंटरव्यू में यशराज चोपड़ा को लेकर कुछ ऐसा कहा है जो उनके फैंस को खटक सकता है. दरअसल यशराज फिल्म्स की 'जब तक है जान' के डायलॉग पर उन्होंने रिएक्ट किया.
उन्होंने कहा कि इस डायलॉग का कोई मतलब ही नहीं है. गलत तरह से फेमिनिज्म को पेश किया गया है. लोग जानते ही नहीं है टॉपिक के बारे में और बढ़ा-चढ़ाकर बातें करते हैं. इस तरह वह इस विषय को गलत तरह से पेश करते हैं.
यश चोपड़ा की फिल्म पर जावेद अख्तर
'बी ए मैन' पॉडकास्ट में जावेद अख्तर ने कहा, 'एक पिक्चर थी यशराज चोपड़ा साब की जब तक है जान. उसमें एक डायलॉग है हीरोइन का. जहां वह कहती है, 'मैं दुनिया में जितनी भी नेशनलिटिज हैं. हर राष्ट्रीयता के हर एक ही आदमी के लड़के के साथ सोने के बाद ही शादी करूंगी.' अरे भाई तू इतनी मेहनत क्यों करेगी? तू सशक्त है? तू मॉर्डन है? तू कूल है? ये क्या फॉरवर्ड थिकिंग हैं. मान जाते है न...इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं है तुमको. बहुत नेशनेलेटिज हैं दुनिया में उस चक्कर में मत पड़ो.'
इस डायलॉग का क्या मतलब है?
जावेद अख्तर ने आगे कहा, 'अब ये क्या है? इस डायलॉग का क्या मतलब है? यश चोपड़ा की फिल्म में क्या कर रहा है ये डायलॉग?. दरअसल ये लोग महिला सशक्तिकरण के बारे में जानते ही नहीं है. बस बातों को बढ़ा-चढ़ाकर कह रहे हैं.'
यश चोपड़ा की थी आखिरी फिल्म
बता दें 'जब तक है जान' यश चोपड़ा की आखिरी फिल्म थी जो कि साल 2012 में रिलीज हुई थी. फिल्म में कैटरीना कैफ, शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की तिगड़ी नजर आई थीं. वहीं बात करें जावेद अख्तर की लास्ट फिल्म बतौर लिरिसिस्ट तो वह 'खो गए हम कहां' से जुड़े थे.