एक्‍ट्रेस मनीषा कोइराला ने अपने फैंस की बातों का जवाब देते हुए बताया कि आखिर वह इन दिनों क्‍या कर रही हैं. तीन दशकों से अधिक लंबे करियर के बाद एक्‍ट्रेस ने बताया कि उन्‍होंने अब अपने आप को टाइम दिया है. अब वह 53 साल की हो गई हैं तो इस वक्त वह खुद को समय दे रही हैं. पिछले कई साल खूब मेहनत की है और काम काज में बिजी रही हैं.


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मनीषा ने इंस्टाग्राम पर अपनी कई फोटोज शेयर की और लिखा, 'बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं इन दिनों क्या कर रही हूं, लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि आप 53 साल की उम्र में पूछ रहे हैं कि आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.'


आखिर क्या कुछ करती हैं मनीषा कोइराला
उन्होंने आगे कहा, 'मैं इस बात से भी खुश हूं कि मैं जिंदगी में अलग-अलग चीजों का स्‍वाद चख रही हूं, केवल वही चीजें कर रही हूं जो मुझे पसंद हैं. कभी-कभी कुछ नहीं करना, अपनी बिल्लियों और कुत्तों के साथ समय बिताने के अलावा मैं किताब पढ़ने, संगीत सुनने और आध्यात्मिकता को समय देती हूं. जिमिंग के साथ मैं वर्ल्ड टूर का भी आनंद लेती हूं.'



मनीषा कोइराला ने 100 फिल्मों किया काम
30 साल के करियर में 100 फिल्मों में काम करने के बाद अब उन्हें लगता है कि उन्होंने कुछ समय अपने लिए कमाया है. कैंसर से लड़ने वाली एक्ट्रेस ने कहा कि भगवान की कृपा से अच्छे लोग उनके आसपास हैं.


मनीषा ने कहा, "मैं उनके प्यार और देखभाल में डूबी हुई हूं, मैंने अपनी जिंदगी का ज्यादा समय बिजी शहर में अकेले गुजारा है. यह मत भूलिए कि एक सेलिब्रिटी होने के नाते कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, अच्छे और बुरे लोगों का सामना करना पड़ता है."


मनीषा कोइराला की फिल्में


उन्‍होंने कहा, ''मुझे लगता है कि आपके अकेले समय में भगवान अपना रास्ता बनाते हैं और मेरे पास मुट्ठी भर सच्चे दोस्त थे, मेरी यादें मेरे दिल का कालातीत खजाना हैं.' मनीषा ने 1989 में नेपाली फिल्म 'फेरी भेटौला' से अभिनय की दुनिया में कदम रखा. 1991 में उन्होंने हिंदी फिल्म 'सौदागर' में अभिनय किया. उन्होंने '1942 : ए लव स्टोरी', 'बॉम्बे', 'इंडियन', 'गुप्त : द हिडन ट्रूथ', 'खामोशी : द म्यूजिकल', 'दिल से..', 'कच्चे धागे' और 'एक छोटी सी लव स्टोरी' सहित कई अन्य प्रशंसित फिल्मों में अभिनय किया है.


मनीषा कोइराला की अपकमिंग फिल्म


अपकमिंग फिल्म की बात करें तो वह संजय लीला भंसाली की 'हीरा मंडी' में दिखाई देंगी, जो ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लाहौर के रेड-लाइट एरिया हीरा मंडी में तवायफों के जीवन की कहानियां बताती है.


एजेंसी: आईएएनएस