मशहूर मराठी एक्टर-डायरेक्टर क्षितिज झारापकर का 54 की उम्र में निधन, कैंसर से हारे जंग
Kshitij Zarapkar Passes Away: मराठी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर और डायरेक्टर क्षितिज जारापकर ने 54 साल की उम्र में दुनियो को अलविदा कह दिया. बताया जा रहा है कि एक्टर का निधन दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में हुई. उन्होंने 5 मई, 2024 को आखिरी सांस ली.
Kshitij Zarapkar Passes Away: मराठी फिल्म इंडस्ट्री में इस समय गम का मातम पसरा हुआ है. हाल ही में मराठी इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर-डायरेक्टर क्षितिज झारापकर ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. एक्टर ने 54 साल की उम्र में 5 मई, 2024 को आखिरी सांस ली. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्टर लंबे समय से भी कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का सामना कर रहे थे, जिससे लंबी जंग लड़ने के बाद एक्टर की जिंदगी ने हार मान ली और अपने प्रियजनों को छोड़कर चले गए.
'गोमडाबेरिज', 'एकुलाती एक', 'आइडिया ची' और 'कल्पना' जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को रूबरू करवाने वाले क्षितिज झारापकर ने 5 मई को करीब 10 बजे उन्होंने मुंबई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. एक्टर पिछले कई महीनों से कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे थे. इतना ही नहीं, ऑर्गन डिसऑर्डर के उन्हें दिल का दौरा आया, जिसके बाद उन्होंने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया. 5, मई को ही एक्टर के पार्थिव शरीर का दोपहर करीब साढ़े 3 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया.
एक्टर ने दुनिया को कहा अलविदा
वहीं, क्षितिज झारापकर के निधन की खबर से पूरी मराठी फिल्म इंडस्ट्री शोकाकुल है. हर कोई एक्टर के लिए अपना दुख जाहिर कर रहा है और साथ ही उनको अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दे रहा है. उनके निधन की खबर से फैंस भी काफी ज्यादा दुखी हैं. क्षितिज झारापकर को एक अध्ययनशील निर्देशक और एक्टर के तौर पर जाना जाता था. उन्होंने कई फिल्मों में काम करने के साथ-साथ उनको निर्देशित भी किया था. ऐसे में उनका निधन मराठी सिनेमा और थिएटर ने एक विद्वान इंसान को खो देने से कम नहीं है.
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क्षितिज झारापकर ने इंडस्ट्री पर छोड़ी छाप
क्षितिज झारापकर की कई फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों-दिमाग पर अपनी छाप छोड़ी है और उनके बीच अपनी जबरदस्त पहचान बनाई है. उन्होंने 'गोमडाबेरिज', 'एकुलाती एक', 'आइडिया ची' और 'कल्पना' जैसी फिल्मों में अभिनय करने के साथ-साथ 'गोमडाबेरिज' और 'बिको खे नकलत' जैसी कई फिल्में लिखी और निर्देशित की हैं. उनकी कई यादगार फिल्मों में 'ठेंगा' और 'एकुलाती एक' जैसी फिल्में भी शामिल है. साथ ही वो कई नाटकों को भी लिख और डायरेक्ट कर चुके हैं.