नई दिल्ली: 50 से लेकर 70 तक के दशक की बोल्ड और फेमिनिस्ट हीरोइन माला सिन्हा (Mala Sinha) का आज जन्मदिन है. माला सिन्हा मूलत: नेपाली हैं, पर उनकी परवरिश कोलकता में हुई. उनके परिवार में सब क्रिश्चियन कनवर्ट हो गए. बचपन में माला सिन्हा ने कई बंगाली फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया. उस समय उनका नाम सुनकर हंसी छूट जाएगी. पाना ने उनका नाम रखा था आल्डा सिन्हा और स्कूल में बच्चे उन्हें डालडा कहकर चिढ़ाते. माला सिन्हा ने अपना नाम खुद ही बदल दिया.


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बॉलीवुड में आसान एंट्री
माला बहुत फोटोजनिक थीं. उनकी तसवीर जब बॉलीवुड में निर्माता-निर्देशकों के पास पहुंची तो उन्हें फौरन काम मिलने लगा. वो अपने पापा के साथ मुंबई आ गईं. लेकिन शुरुआती चार फिल्में फ्लॉप होने के बाद वो टाइम भी आ गया जब पापा ने कहा कि अपना बोरिया बिस्तर बांध लो, हम वापस कोलकता जा कर बंगाली फिल्मों में ट्राई करेंगे.


माला सिन्हा का कोलकता जाने का मन नहीं था और उनके पास जानकी दास एक फिल्म का प्रपोजल ले कर आ गए. फिल्म का नाम था 'नया जमाना'. इस फिल्म को देख कर गुरुदत्त की पत्नी गीता दत्त उनसे बहुत प्रभावित हो गई. अपने घर दुर्गा पूजा में माला को बुलवाया, उसका डांस का शो रखा. गुरुदत्त ने फौरन उन्हें अपनी फिल्म प्यासा में साइन कर लिया. यह 1957 की बात थी. प्यासा में एक महत्वाकांक्षी और मैटीयरिलस्टिक लड़की का किरदार माला ने शानदार निभाया. इस फिल्म के बाद उन्हें कभी पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नहीं हुई.


अशोक कुमार से लेकर राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म करने वाली माला सिन्हा को अपने समय की बोल्ड और बेखौफ हीरोइन कहा जाता था. 'धूल का फूल' में उन्होंने एक बिन ब्याही लड़की और गुमराह में एक्स्ट्रा मेरीटल अफेयर करने वाली युवती का किरदार निभाया. 


किसने कहा था पटाखा?
माला सिन्हा बहुत स्टाइलिश थीं. मर्यादा फिल्म के गाने 'चुपके से दिल देदे नइते शोर मच जाएगा' गाने के फिल्मांकन के लिए उन्होंने बैकलेस चोली पहनी थी. जब सेट पर आई तो फिल्म के हीरो राजेश खन्ना सीटी बजाते हुए बोले, तुम तो बिलकुल पटाखा लग रही हो. माला सिन्हा को लगता था कि वो समय से आगे की सोचती हैं, उन्हें ऐसी फिल्मों में काम करना चाहिए, जिसके किरदार प्रेरणादायक हों और औरतों को रोशनी की राह दिखाए. माला सिन्हा ने अपने नेपाली फिल्म के हीरो चिदंबर प्रसाद लोहानी से शादी की. पर वे हमेशा मुंबई में रहीं. आज भी 84 साल की उम्र में वे मुंबई में बांद्रा में अपने बंगले में अपनी बेटी के साथ रहती हैं. उस एरिया के तमाम कुत्तों की वो मां हैं.


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