नई दिल्ली: पिछले काफी वक्त से विवादों में रही संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज को लेकर नए सिरे से कवायद शुरू हो गई है. नए घटनाक्रम के मुताबिक, 27 दिसंबर को मुंबई में फिल्म पद्मावती की स्पेशल स्क्रीनिंग
हो सकती है. मेवाड़ राजघराने को फिल्म दिखाई जाएगी. गौरतलब है कि यह फिल्म शूटिंग के वक्त से ही विवादों में रही है और जैसे-जैसे फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आई विवाद गहराता गया. हालांकि, किसी वजह से सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया है और इस वजह से इस फिल्म की रिलीज डेट टाल दी गई. 


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कई राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है जिस वजह से वह फिल्म का लगातार विरोध कर रहे हैं. फिल्म में दीपिका पादुकोण लीड रोल निभा रही हैं और वहीं शाहिद कपूर और रणवीर सिंह भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. बता दें दीपिका फिल्म में रानी पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं इस वजह से उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. वहीं फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली को भी जान से मारने की धमकियां मिली थी.


गौरतलब यह भी है कि 'पद्मावती' के 3डी संस्करण का प्रमाणन संबंधी आवेदन 28 नवंबर 2017 को सीबीएफसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. फिल्म चलचित्र अधिनियम 1952, चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली 1983 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणन की प्रक्रिया से गुजरेगी. चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली, 1983 के नियम 41 के तहत प्रमाणन प्रक्रिया के लिए 68 दिन की समय सीमा तय की गई है. इसके मध्यनजर फिल्म अगले साल जनवरी या फरवरी में रिलीज हो सकती है.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्‍म की रिलीज को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि ये फिल्म 5 या 12 जनवरी को रिलीज हो सकती है. इससे पहले सरकार ने सोमवार को जानकारी दी थी कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने अब तक फिल्म ‘पद्मावती’ को देश में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र नहीं दिया है. 


सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि ‘पद्मावती’ के 3डी संस्करण का प्रमाणन संबंधी आवेदन 28 नवंबर 2017 को सीबीएफसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था.


एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि यह फिल्म चलचित्र अधिनियम 1952, चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली 1983 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणन की प्रक्रिया से गुजरेगी. चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली, 1983 के नियम 41 के तहत प्रमाणन प्रक्रिया के लिए 68 दिन की समय सीमा तय की गई है. राठौड़ ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि यदि फिल्म में दर्शाए गए विषयों पर विशेषज्ञों की राय अपेक्षित होगी तो सीबीएफसी के अध्यक्ष अतिरिक्त समय सीमा के संबंध में निर्णय करेंगे.