Amitabh Bachchan की वो 7 फिल्में, जो आप कभी नहीं देख पाएंगे

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और रेखा की पहली फिल्म बड़े पर्दे पर 1976 में ‘दो अनजाने’आई थी, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि उन दोनों ने साथ में जो पहली फिल्म साइन की थी, वो उससे ठीक चार साल पहले यानी 1972 में की थी.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Wed, 02 Sep 2020-7:58 am,
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सुभाष घई की बिग बी के साथ इकलौती मूवी ‘देवा भी सपना ही रह गई

सुभाष घई अस्सी-नब्बे के दशक में शोमैन के तौर पर उभरे, ऐसे में उन्होंने सभी बड़े स्टार्स के साथ फिल्में बनाईं, लेकिन अमिताभ बच्चन के साथ कोई फिल्म न बनाना वाकई में चौंकाता है. ऐसा नहीं है कि सुभाष घई ने अमिताभ के साथ कोई भी फिल्म न बनाई हो, एक फिल्म की प्लानिंग भी हुई, मुहूर्त भी हुआ और मुहूर्त शॉट भी हुआ, लेकिन फिल्म बन नहीं पाई. दरअसल, 1987 में अमिताभ बच्चन और सुभाष घई के बीच एक फिल्म को लेकर करार हुआ और उसका नाम रखा गया था- ‘देवा’. अमिताभ बच्चन ने उसका मुहूर्त शॉट भी किया था, जिसमें अमिताभ का गैटअप ठीक वैसा ही था, जैसा कि बाद में ‘खुदा गवाह’ में था. लम्बी दाढ़ी और पगड़ी पहने हुए अमिताभ ने हाथ में मशाल पकड़े हुए कुछ डायलॉग भी बोले थे. शूटिंग भी शुरू हो गई, लेकिन फिर बाद में खबर आई कि दोनों के बीच कुछ ऐसा हुआ है, जिसके चलते फिल्म अटक गई है. बाद में, वो मूवी सुभाष घई ने किसी और के साथ भी नहीं बनाई. तब से आज तक ‘देवा’ क्यों नहीं बन पाई, इस बात को लेकर न तो कभी बच्चन ने मुंह खोला और न ही सुभाष घई ने किसी को इस बारे में बताया, हालांकि सुभाष घई ने 2015 में कहा था कि वो ‘देवा’ को सलमान खान के साथ बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं.

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रेखा के साथ अमिताभ की पहली मूवी भी डब्बा बंद

अमिताभ और रेखा की पहली फिल्म बड़े पर्दे पर 1976 में ‘दो अनजाने’आई थी, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि उन दोनों ने साथ में जो पहली फिल्म साइन की थी, वो उससे ठीक चार साल पहले यानी 1972 में की थी. इस फिल्म का नाम था ‘अपने पराए’. दोनों ही न्यूकमर थे, दोनों के ही साथ में कुछ सीन शूट किए गए. निर्माता के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और वो आराम-आराम से शूट कर रहे थे, इधर दोनों सितारे धीरे-धीरे फेमस होते जा रहे थे. नतीजा ये हुआ कि फिल्म की शूटिंग तय शेड्यूल के साथ नहीं बढ़ पा रही थी और कब फिल्म डब्बा बंद हो गई, पता ही नहीं चला. वैसे भी अमिताभ रेखा को और कई बड़े प्रोजेक्ट मिल गए थे, जिसके चलते उन्हें की अफसोस भी नहीं हुआ.

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अमिताभ भी कर रहे थे ‘सरफरोश

आपने आमिर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ तो देखी होगी, लेकिन आपको ये नहीं पता होगा कि इससे पहले अमिताभ बच्चन ने भी ‘सरफरोश’ नाम की एक मूवी साइन की थी. ये फिल्म अमिताभ बच्चन के सबसे चहते निर्देशक मनमोहन देसाई बना रहे थे, ये 1979 की बात है. इस फिल्म में उनके साथ परवीन बॉबी, कादर खान और शक्ति कपूर भी अहम भूमिकाओं में थे. कहा जाता है कि अमिताभ इस फिल्म में डबल रोल में थे, जिनमें से एक क्रिमिनल के रोल में था और दोनों अमिताभ वाला एक सीन यूट्यूब में पड़ा भी हुआ है. परवीन बॉबी ने भी अमिताभ के साथ कुछ सीन शूट किए थे, लेकिन फिर पता नहीं चल पाया कि आखिर ऐसी क्या बात हुई कि मनमोहन देसाई जैसे अमिताभ के फेवरेट फिल्मकार को भी अपना इतना बड़ा प्रोजेक्ट डब्बा बंद करना पड़ा. इसी तरह मनमोहन देसाई की फिल्म ‘गजब’ भी डब्बा बंद हो गई थी, उस फिल्म में इतनी बड़ी स्टार कास्ट थी और इतना बड़ा बजट था कि किसी फाइनेंसर ने उस प्रोजेक्ट में हाथ डालने की हिम्मत ही नहीं की.

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37 साल बाद आई शत्रुघ्न सिन्हा के साथ साइन की हुई पहली मूवी

अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा कई फिल्मों में एक साथ आए और लगभग सारी की सारी सुपरहिट साबित हुईं, 'दोस्ताना', 'परवरिश' और 'काला पत्थर' जैसी कई फिल्में इस फेहरिश्त में शामिल हैं, लेकिन दोनों ने जो सबसे पहली फिल्म साइन की थी, उसको पर्दे पर आते-आते 37 साल लग गए, अमिताभ और शत्रुघ्न सिन्हा जवान से बूढ़े हो गए, तब जाकर उस फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक दी और लोगों को पता ही नहीं चला कि वो कब आई और कब चली गई. दरअसल, इस फिल्म का नाम था ‘यार मेरी जिंदगी’, इस फिल्म की शूटिंग 1971 में हुई थी, यानी वो वक्त जब दोनों ही स्ट्रगल कर रहे थे, लेकिन फिल्म पूरी होने के बाद रिलीज नहीं हो पाई क्योंकि फिल्म दो अशोकों के बीच फंस गई थी. फिल्म का डायरेक्टर अशोक गुप्ता और फिल्म का फाइनेंसर अशोक मिश्रा. कई सालों तक दोनों के बीच मामला कोर्ट में फंसा रहा, पूरे 37 साल बाद आकर दोनों ने समझौता किया, तब उन्हें लगा कि डब्बे में बंद पड़ेगी रहेगी ये मूवी तो क्या फायदा, हालांकि रिलीज से भी क्या फायदा मिला ये नहीं पता चल पाया.

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जॉनी डेप के साथ वाली मूवी भी डब्बा बंद

मीरा नायर ने भी अमिताभ बच्चन को लेकर एक फिल्म बनाने का ऐलान किया था, जिसमें लीड रोल में हॉलीवुड हीरो जॉनी डेप थे. उस फिल्म की बॉलीवुड में जबरदस्त चर्चा थी. इस फिल्म का नाम था ‘शांताराम’, जो एक सच्ची घटनाओं को लेकर लिखे गए एक उपन्यास पर बनाई जानी थी. शांताराम यानी ग्रेगरी डेविड रॉबर्ट्स ऑस्ट्रेलिया का एक बैंक लुटेरा था, जो भारत की जेल से फरार हो गया था. मुंबई शहर में रहने के दौरान उसके साथ जो-जो हुआ, इस फिल्म में वो दिखाया जाना था. फिल्म की शूटिंग फरवरी 2008 में शुरू होनी थी, लेकिन लेखकों की स्ट्राइक के चलते सितंबर तक टाल दी गईं, फिर लगातार किसी न किसी वजह से फिल्म टलती रही और आखिरकार एक दिन डब्बे में बंद हो गई.

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अभिषेक के साथ वाली ‘रणबीर हुई गायब

अमिताभ और अभिषेक पहली बार ‘बंटी और बबली’ में नजर आए थे. लेकिन उससे पहले भी एक फिल्म का मुहूर्त उन्होंने किया था, जो अगर बनती और रिलीज होती तो वो दोनों की पहली फिल्म होती. इस फिल्म का नाम था ‘रणवीर’, इस फिल्म को 2005 में रिलीज होना था. फिल्म का मुहूर्त भी हुआ, फिल्म का एक पोस्टर भी रिलीज किया गया. अमिताभ बच्चन के होम प्रोडक्शन के बैनर तले इस फिल्म को बनना था, लेकिन कुछ ऐसी वजह हुई कि अमिताभ ने उस फिल्म को बाद के लिए टाल दिया. ऑफिशियल अमिताभ या अभिषेक ने उस फिल्म के रुकने के बारे में कोई भी जवाब नहीं दिया, धीरे-धीरे लोग ही उस फिल्म को भूल गए और दोनों बच्चन बाप बेटे भी.

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जब ‘आलीशान हुई डब्बा बंद और ‘मैं आजाद हूं चालू

इसी तरह अमिताभ की फिल्म ‘आलीशान’ भी 1988 में एक हफ्ते की शूटिंग के बाद डब्बा बंद कर दी गई थी. उसे अमिताभ बच्चन के दोस्त टीनू आनंद बना रहे थे. इस मूवी में उनके साथ डिंपल कपाड़िया भी थीं. एक हफ्ते की शूटिंग भी हुई, कुछ सीन भी शूट हुए, लेकिन एक दिन जावेद अख्तर के साथ टीनू और अमिताभ बैठे हुए थे, तो अचानक उन तीनों ने फैसला किया कि ये मूवी नहीं बनाएंगे और उसकी जगह एक ऑफबीट टाइप की मूवी ‘मैं आजाद हूं’ बनाने का फैसला लिया गया. डिंपल कपाड़िया का नए प्रोजेक्ट से जाना और जावेद अख्तर की बीवी शबाना आजमी का इसमें आना भी दिलचस्प था. अगले हफ्ते से ही टीनू आनंद ने ‘मैं आजाद हूं’ की शूटिंग शुरू भी कर दी. 

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