Om Puri Birthday: कभी धोते थे चाय के कप, फिर हॉलीवुड तक मचाई धूम
बेहतरीन अभिनय के अलावा ओम पुरी (Om Puri) को उनके विवादों के कारण भी याद किया जाता है.
जब चेहरे पर कसा शबाना ने तंज
ओम पुरी काफी बेबाक अभिनेता रहे हैं. इसलिए करियर के शुरुआती दौर में अपने लुक्स को लेकर मिलने वाली आलोचनाओं पर भी वह हमेशा खुलकर बोले हैं. एक ऐसा ही किस्सा सुनाते हुए दूरदर्शन के एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पहली बार शबाना आजमी से मिले तो उन्हें देखकर शबाना ने कहा था, 'कैसे-कैसे लोग हीरो बनने चले आते हैं.' हालांकि ये एक बार की बात नहीं ओम पुरी को अपने चेहरे पर चेचक के दाग के कारण कई बार ऐसी आलोचनाएं सुननी पड़ीं.
40 साल किया अभिनय
ओमपुरी ने फिल्म इंडस्ट्री में तकरीबन चालीस साल काम किया है. उन्होंने मराठी फिल्म 'घासीराम कोतवाल' (1976) से अपना करियर शुरू किया था. जिसके बाद वह अपनी मौत यानी साल 2017 तक वह लगातार अभिनय में सक्रीय रहे.
नसीरूद्दीन शाह से थी गहरी दोस्ती
ओमपुरी और नसीरूद्दीन शाह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में बैचमेड थे. दोनों की दोस्ती इतनी गाढ़ी थी कि कई बार नसीर ने ओमपुरी की आर्थिक रूप से मदद की. ओम हमेशा अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बात करते हुए कहते थे कि यदि नसीर मदद नहीं करते तो वे यहां तक कभी नहीं पहुंच पाते.
चाय के कप धोते थे ओम पुरी
ओम पुरी ने कभी अपने बचपन के किस्से सुनाते हुए कई बार इमोशनल हो जाते थे. अनुपम खेर के शो में बात करते हुए एक बार उन्होंने बताया था कि वह छह वर्ष की उम्र में सड़क किनारे चाय के कप धोते थे. उनका बचपन काफी गरीबी में बीता और लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने यह सफलता हासिल की.
हिंदी और अंग्रेजी को लेकर कम था आत्मविश्वास
अनुपम खेर के शो के दौरान ही ओमपुरी ने यह भी बताया था कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हिंदी और अंग्रेजी को लेकर उनमें आत्मविश्वास की काफी कमी थी. क्योंकि उनकी पढ़ाई पंजाबी माध्यम के स्कूल से हुई थी. आत्मविश्वास की कमी के कारण ओम ने अभिनय जारी न रखने का मन बनाया परंतु उनके गुरू कादी साहेब ने उन्हें अपनी अंग्रेजी सुधारने की सलाह दी.
बायोग्राफी लिखने के बाद पत्नी से हुआ विवाद
ओमपुरी की पत्नी नंदिता पुरी ने ओमपुरी की बायोग्राफी 'अनलाइकली हीरो : द स्टोरी ऑफ ओमपुरी' लिखी है. लेकिन इस किताब के विमोचन के बाद ओमपुरी और नंदिता के बीच लंबा विवाद चला. ओमपुरी के अनुसार उनकी पत्नी ने इस किताब को फेमस करने के लिए कुछ ऐसी बातों को लिखा है, जिनसे वह काफी आहत हुए. दरअसल इस किताब में ओमपुरी और उनके प्रेम संबंधों को काफी गहराई से लिखा गया था. जबकि ओमपुरी को लगता था कि उनकी पत्नी इन सबका जिक्र ही नहीं करना चाहिए था. इस किताब पर विवाद इतना गहरा गया था कि इसके बाद ओमपुरी पर घरेलू हिंसा के आरोप भी लगे थे.
नक्सलियों पर विवादित बयान
साल 2012 में फिल्म 'चक्रव्यूह' की शूटिंग के समय ओम पुरी तब चर्चा में आए जब उन्होंने नक्सलियों को लेकर एक विवादित बयान दिया था. इस बयान में ओम पुरी ने कहा था, 'ये नक्सली आतंकी नहीं होते, ये अपने हक के लिए मजबूरन हथियार उठाते हैं. ये अपने अधिकारों के लिए लड़ते हैं. ये कभी भी आम आदमी या गरीब को नुकसान नहीं पहुंचाते.' इसके बाद ओम पुरी को काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं.
कई भाषाओं में काम
हिन्दी सिनेमा के अलावा, ओमपुरी कन्नड़, पंजाबी, अमेरिकन और ब्रिटिश सिनेमा में काम कर चुके हैं, उन्होंने कई हॉलीवुड और ब्रिटिश फिल्मों में लीड रोल निभाए. इसके साथ ही टीवी पर भी ओम पुरी ने कक्काजी कहिन, भारत एक खोज, मिस्टर योगी जैसे धारावाहिकों में अभिनय किया.
कई पुरस्कार भी मिले
फिल्म अर्धसत्य के लिए ओमपुरी को नेशनल अवॉर्ड मिला था, उन्हें देश के सबसे बड़े सम्मानों में से एक पद्मश्री पुरस्कार भी दिया गया था. अपनी फिल्मों के लिए ओम पुरी को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले. 6 जनवरी 2017 को उनका निधन हो गया.