कुछ रीयल लाइफ टीचर जो बन गए बॉलीवुड एक्टर, कुछ फिल्मी हस्तियां बन गईं टीचर

आइए जानते हैं इन तमाम हस्तियों के टीचिंग कनेक्शन के बारे में...

1/5

अक्षय कुमार

अक्षय कुमार यूं तो स्कूल के दिनों से ही कराटे सीख रहे थे, लेकिन पिता से मार्शल आर्ट सीखने की जिद की तो उन्होंने कैसे भी थाइलैंड भेज दिया, जहां मार्शल आर्ट सीखने के अलावा एक रेस्तरां में भी काम करना पड़ा. वो पांच साल तक बैंकॉक में रहे और थाई बॉक्सिंग भी सीखी. भारत में उन्होंने ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट पहले ही हासिल कर ली थी. थाइलैंड से लौटकर वो कोलकाता गए, एक ट्रेवल एजेंसी में काम किया. ढाका में एक होटल में काम किया और दिल्ली आकर कुंदन ज्वैलर्स की ज्वैलरी भी बेची, लेकिन बनना तो एक्टर था, सो मुंबई चले गए और वहां मार्शल आर्ट के टीचर बन गए और इसी टीचिंग ने उनके लिए बॉलीवुड के रास्ते खोल दिए. दरअसल, उनके एक स्टूडेंट के पिता मॉडल कॉर्डीनेटर थे, उन्होंने अक्षय को कुछ मॉडलिंग असाइनमेंट दिलवाए. फोटोग्राफर जयेश सेठ ने उनके अच्छे फोटोज निकाले, जिनके असिस्टेंट के तौर पर भी अक्षय ने काम किया था. यहां से उनका बॉलीवुड का रास्ता खुलता चला गया.

2/5

चंद्रचूड़ सिंह

चंद्रचूड़ सिंह भी अगर एक्टर न बनते तो म्यूजिक टीचिंग के अपने पुराने जॉब में लौट जाते. 1996 में आई गुलजार की मूवी ‘माचिस’ की यादें, जिनके भी दिलों में अभी तक होंगी, वो न तो 'चप्पा चप्पा चरखा चले..' को भूले होंगे और न ही उसके हीरो चंद्रचूड़ सिंह को. उनको इस रोल के लिए उस साल बेस्ट एक्टर मेल डेब्यू अवॉर्ड मिला था. उनकी परफॉर्मेंस को बॉलीवुड ने हाथोंहाथ लिया, उनकी झोली में बड़े स्टार्स के साथ तमाम मूवीज गिरने लगीं. अमिताभ बच्चन ने एबीसीएल की मूवी ‘तेरे मेरे सपने’ में उन्हें अरशद वारसी के साथ लॉन्च किया था, उसी साल आई ये मूवी नहीं चली. अजय देवगन के साथ ‘दिल क्या करे’, संजय दत्त के साथ ‘दाग द फायर’, करिश्मा कपूर के साथ ‘सिलसिला है प्यार का’, शाहरुख-ऐश्वर्या के साथ ‘जोश’, सैफ-प्रीति जिंदा के साथ ‘क्या कहना’, गोविंदा के साथ ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपइया’, संजय दत्त के साथ ‘मोहब्बत हो गई है तुमसे’ और ‘सरहद पार’, तमाम फिल्में उन्होंने की, लेकिन फिर एक बड़े एक्सीडेंट के चलते वो सालों तक बिस्तर पर रहे और फिल्मी दुनियां से गायब से हो गए. करियर के शुरुआत में उनको एक फिल्म मिली थी सुचित्रा कृष्णमूर्ति के साथ, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ये उनकी पहली फिल्म थी जो उन्होंने साइन की थी, लेकिन वो फिल्म डब्बाबंद हो गई, तो वो म्यूजिक टीचर का करियर बनाने अपने पुराने स्कूल दून स्कूल चले गए, लेकिन फिर अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड की तरफ से कॉल आया, ये कॉल जया बच्चन का था, उनको फिल्म ऑफर की  गई ‘तेरे मेरे सपने’ और फौरन उन्होंने करियर बदल लिया और टिकट कटा ली मुंबई की और उसके बाद मिली उन्हें 'माचिस'.

3/5

कादर खान

कादर खान अफगानिस्तान के रहने वाले थे. उनके दो तीन भाइयों की बचपन में ही मौत हो गई, तो मां ने कहा यहां की आबोहवा ठीक नहीं है, ये सोचकर परिवार मुंबई आ गया. यहां कुछ रिश्तेदार उनके पहले से रहते थे. मुंबई के स्लम कमाठीपुरा में काफी गरीबी में बीता उनका बचपन, लेकिन वो थिएटर से जुड़कर एक्टिंग करते रहे, प्ले लिखते रहे. फिर उनका एडमीशन बॉम्बे यूनीवर्सिटी से सम्बद्ध इस्माइल युसूफ कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग में हो गया. इंजीनियरिंग करके वो सिद्दीक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर हो गए, सिविल इंजीनियरिंग पढ़ाने लगे. लेकिन, मन तो एक्टिंग और राइटिंग में रमता था, बॉलीवुड के चलते टीचिंग छोड़ दी. जिंदगी के आखिरी दिनों में भी वो दुबई में हिंदी पढ़ाते थे.

4/5

उत्पल दत्त

उत्पल दत्त उस दौर के एक्टर थे, जब एक्टिंग से घर का खर्च नहीं चलता था. वैसे भी वो टीचर उन दिनों में बने थे, जब वो थिएटर से जुड़े ही थे, इंगलिश लिटरेचर की पढ़ाई उनका काम आ गई. कोलकाता के साउथ प्वॉइंट स्कूल में उनको टीचिंग जॉब मिल गया था. जाहिर है वो इंगलिश लिटरेचर ही पढ़ाते थे, लेकिन उनके अंदर एक एक्टर बसा हुआ था. सो उनकी टीचिंग स्टाइल कभी भी आम टीचर्स जैसी सिलेबस से बंधी हुई नहीं थी. वो हमेशा कुछ न कुछ ऐसा बच्चों के लिए मनोरंजक करते रहते थे कि न तो स्कूल और न ही बच्चे उन्हें छोड़ना चाहते थे. सो एक्टिंग के लिए लम्बी-लम्बी छुट्टियां लेने के बावजूद वो लम्बे समय तक इस स्कूल में पढ़ाते रहे थे.

5/5

अनुपम खेर

अनुपम खेर अपने आप में एक्टिंग की पाठशाला हैं, लेकिन वो क्योंकि इतने संघर्ष से गुजर कर आए हैं, तो युवाओं के साथ अपने तजुर्बे को शेयर करने के साथ-साथ वो उन्हें एक्टिंग के फील्ड में जरूरी जानकारी भी बांटना चाहते थे, तो एक्टिंग एकेडेमी एक्टर्स प्रपेयर्स शुरू कर दी. तमाम अच्छे एक्टर वहां से निकल रहे हैं और जब भी अनुपम को समय होता है, ज्यादा से ज्यादा वहां के युवाओं को देते हैं. वैसे भी आजकल एक्टिंग के फील्ड से रिटायरमेंट की तरफ की यात्रा शुरू होते ही तमाम लोग इस प्रोफेशन में उतरने लगे हैं. पेंटल, टॉम ऑल्टर और बॉब क्रिस्टो तो थे ही, अब अनुपम खेर के साथ साथ सुभाष घई इसे थोड़े ज्यादा प्रोफेशनल ढंग से बतौर बिजनेस संभाल रहे हैं. 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link