बॉलीवुड के बाबू भइया: वो किरदार जिसने बदलकर रख दी Paresh Rawal की इमेज, खलनायक से यूं बने ‘बाबुराव आप्टे’
Paresh Rawal Hera Pheri: यूं तो पर्दे पर निभाया हर किरदार खास होता है लेकिन कुछ किरदार ऐस लिखे और निभाए जाते हैं जिनसे सिनेमा का भी ओहदा बढ़ जाए. ऐसा ही एक किरदार है बाबू भइया का जिसे निभाया परेश रावल ने और इसे हिंदी सिनेमा के इतिहास में आइकॉनिक बना दिया.
परेश रावल उम्दा कलाकार हैं इसमें कोई दो राय नहीं. अपने 37 साल के करियर में ना जाने उन्होंने कितने ही यादगार रोल निभाए. कभी अदाकारी से रुलाया तो कभी डराया लेकिन जब बारी आई हंसाने की तो वो कमाल कर गए. (फोटो – सोशल मीडिया)
हंसने हंसाने का ये सिलसिला शुरू हुआ अक्षय कुमार, जूही चावला की फिल्म मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी से. इस फिल्म में उनका किरदार ह्यूमर लिए हुआ था लेकिन साल 2000 में आई हेरा फेरी के बाबू भइया ने दर्शकों को इस कदर गुदगुदाया कि आज तक लोग उस किरदार को याद कर हंस रहे हैं. (फोटो – सोशल मीडिया)
एक अधेड़ सी उम्र का शख्स, आंखों पर अजीब सा काले फ्रेम का चश्मा और हर समय चौंकी हुई आंखे. ये थे बाबूराव गणपत राव आप्टे जिन्हें प्यार से सभी बाबू भइया कहते थे. 22 साल पहले जब ये फिल्म रिलीज हुई तो इस किरदार के लोग दीवाने हो गए थे. (फोटो – सोशल मीडिया)
फिल्म में बोला गया इनका एक-एक डायलॉग लोगों की जुबान पर था और उनका अंदाज उस वक्त हर किसी को खूब भाया. खास बात ये थी कि इससे पहले परेश रावल ज्यादातर नेगेटिव किरदारो में ही नजर आते थे और किसी को यकीन नहीं था कि वो कॉमेडी कर पाएंगे. (फोटो – सोशल मीडिया)
लेकिन 2000 में रिलीज हेरा फेरी ने उनकी विलेन वाली इमेज को तोड़ दिया और वो लोगों के दिलों में बस गए. हेरा फेरी के बाद आई फिर हेरा फेरी और इसमें भी बाबू राव का कॉमेडी अंदाज लोगों को खूब भाया. (फोटो – सोशल मीडिया)