श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में 90 के दशक में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म  'शिकारा' के रिलीज़ होने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है. फिल्म के रिलीज के खिलाफ जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इसके कुछ दृश्यों को हटवाने की मांग की गई है. फिल्म 7 फरवरी को रिलीज होनी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

याचिका राजनीतिक विश्लेषक इफ्तिखार मिगार, कश्मीरी पत्रकार माजिद हैदरी और एक स्थानीय वकील इरफान हफीज लोन द्वारा दायर की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया कि इस फिल्म में कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के बारे में गलत तथ्य दर्शाए गए हैं. याचिका में कहा गया है, "फिल्म में कश्मीरी मुसलमानों को पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है जो कि सही नहीं. फिल्म के जरिये नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है जो इस वक्त के हालातों को देखकर जम्मू-कश्मीर में स्थिति को और बिगड़ सकती है."   


राजनीतिक विश्लेषक मिसगर ने कहा, "हमनें कई बार इस फिल्म के ट्रेलर देखा और पाया जो कंटेट इसमें है, वह आपत्तिजनक है. यह इस फिल्म के रिलीज का सही नहीं है. पहले ही 370 और 35ए के हटने के बाद सरकार द्वारा मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदियों के साथ साथ अन्य कई तरह की कोशिश की गई ताकि हालातों को बिगड़ने से रोका जा सके. साथ ही मुल्कभर में सीएए, एनआरसी का मसला चल रहा है. ऐसे समय में आप फिल्म रिलीज़ करके एक समाज को बदनाम कर रहे हैं, उन्हें उकसा रहे हैं." 


मिसगार ने कहा, "इस फिल्म के ट्रेलर को देख साफ लग रहा है कि केवल कश्मीरी मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें ही कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार दिखाया गया है." मिसगर ने कहा, "फिल्म के एक सीन में आतंकियों और स्थानीय लोगों को एक साथ दिखाया गया है और अगर ट्रेलर ही ऐसा है तो फिल्म कैसी होगी, ऐसा लग रहा है कि नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है. इसलिए हमने यह पीआईएल दर्ज की है और हुमें अपने न्यायतंत्र पर पूरा विश्वास है." 


इफ्तिखार ने कहा, "हम नहीं चाहते कि किसी कौम के बीच दरार पैदा हो. कश्मीरी पंडित लोग हमारे भाई हैं, हम चाहते हैं कि वापिस अपने घरो में आएं. हम अपने देश की अखंडता को एक फिल्म के आधार पर खतरे में नहीं डालना चाहते हैं."