Priya Rajvansh Life: 1970 और 80 के दशक की हीरोइन प्रिया राजवंश की बायोपिक को लेकर लंबे समय से चर्चा थी. खबर है कि अब बात फाइनल हो गई है और शूटिंग की तैयारियां की जा रही हैं. जैकलीन फर्नांडिस को प्रिया राजवंश का रोल मिल गया है, जबकि लागा चुनरी में दाग से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले सीनियर डायरेक्टर प्रदीप सरकार फिल्म का निर्देशन करेंगे. खबर है कि एक्टर-डायरेक्टर चेतन आनंद के रोल के लिए निर्माता-निर्देशक एक्टर की तलाश में हैं. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि इस रोल के लिए विवेक ओबेराय से उनकी बातचीत हुई है. अगर सब ठीक रहा तो विवेक इस रोल में आ सकते हैं. फिल्म की शूटिंग अगले महीने शुरू होने की खबरें हैं.


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डायरेक्टर की मौत के बाद प्रिया का मर्डर


प्रिया राजवंश की बायोपिक सुबोध लाल की किताब प्रिया अनइंटरप्टेड पर आधारित रहेगी. फिल्म में प्रिया राजवंश और चेतन आनंद के संबंधों के साथ उनके फिल्मी करियर को दिखाया जाएगा. प्रिया ने हिंदी में सिर्फ सात फिल्मों में काम किया था और सभी के डायरेक्टर चेतन आनंद थे. 1997 में चेतन आनंद की मौत हो गई थी. उन्होंने अपनी वसीयत में संपत्ति का एक हिस्सा प्रिया के नाम लिखा था. इस बात पर नाराज होकर पहली शादी से हुए उनके दो बेटों और दो घरेलू नौकरों ने मिलकर प्रिया राजवंश की साल 2000 में मुंबई के जुहू स्थित आनंद के बंगले में उनकी हत्या कर दी थी. लेकिन यह सब क्यों और कैसे हुआ, फिल्म यह विस्तार से बताएगी.


फिल्म में मिस्ट्री, थ्रिल और सस्पेंस


निर्माता दीपक मुकुट ने किताब के अधिकार लिए हैं. उनका कहना है कि प्रिया की जिंदगी में किसी रोमांचक कहानी की तरह मिस्ट्री, थ्रिल और सस्पेंस है. यह बहुत अलग तरह की कहानी है, जिसमें एक बॉलीवुड डायरेक्टर किसी लड़की के प्यार में पड़ कर उसके साथ फिल्में बनाता है. लड़की भी सिर्फ उसी डायरेक्टर के साथ काम करती है. वास्तव में यह एक लव स्टोरी है, जिसमें रोमांस के साथ रहस्य-रोमांच और हत्या जैसी बातें बुनी हुई हैं. प्रिया राजवंश ने इंग्लैंड में एक्टिंग की पढ़ाई की थीं और चेतन आनंद से मिलने के बाद उन्होंने किसी दूसरे डायरेक्टर के साथ काम नहीं किया. चेतन आनंद को भी प्रिया के स्क्रीन प्रेजेंस पर बहुत विश्वास था और अपनी हर फिल्म में वह उन्हें ही हीरोइन की तरह देखते थे. प्रिया के नाम पर हकीकत (1964) जैसी हिंदी की सबसे शानदार वार फिल्म है. इसके अलावा राजकुमार के साथ उनकी हीर रांझा (1970) और नवीन निश्चल के साथ हंसते जख्म (1973) जैसी फिल्में हिट रही थीं. इन फिल्मों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है.


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