Film Review: निराश करती आमिर और अमिताभ की `ठग्स ऑफ हिंदोस्तान` की कहानी
फिल्म `ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान` की कहानी 1795 के उस दौर की, जब हमारे देश में अंग्रेजी हुकुमतों का राज शुरू हो चुका था.
नई दिल्ली: यश राज बैनर्स के तले बनी मल्टी स्टारर फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' दिवाली के मौके पर आज (8 नवंबर) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, आमिर खान, फातिमा सना शेख, कैटरीना कैफ और रोनित रॉय सहित कई बॉलीवुड सितारों ने काम किया है. फिल्म रिलीज होने से पहले जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे, रिलीज के बाद फिल्म पर कहीं भी खरी नहीं उतरी. विजय कृष्ण आचार्य द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी बहुत ही कमजोर है, जो हमें काफी निराश करती है.
फिल्म 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' की कहानी 1795 के उस दौर की, जब हमारे देश में अंग्रेजी हुकुमतों का राज शुरू हो चुका था. यह दौर ऐसा था जब अंग्रेजों ने हमारे देश के कई राज्यों पर अपना कब्जा कर लिया था और जो राज्य बचे हुए थे, वे उन पर कब्जा करने को तैयार हो रहे थे. इसी बीच अंग्रेजों की नजर एक रियासत रौनकपुर पर पड़ी और अंग्रेज कमांडर जॉन क्लाइव (लॉयड ओवेन) ने धोखे से उस पर कब्जा लेता है. दरअसल, यहां के राजा मिर्जा सिकंदर बेग (रोनित रॉय) ने अंग्रोजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकते हैं, जो अंग्रोजों को बिलकुल रास नहीं आती.
अंग्रेजी अफसर क्लाइव धोखे से न केवल मिर्जा साहब का राज-पाठ हथिया लेता है बल्कि उनके पूरे परिवार को मौत के घाट भी उतार देता है. फिर राजा के परिवार की हत्या कर दी जाती है, लेकिन उसकी बेटी जफीरा (फातिमा सना शेख) को राज्य का वफादार खुदाबख्श आजाद (अमिताभ बच्चन) बचा कर ले जाता है. इसके बाद पूरी फिल्म में आपको केवल खुदाबख्श और जफीरा के बदले की कहानी ही दिखाई देती है. कहानी में ट्वीट्स तब आती है, जब फिल्म में फिरंगी मल्लाह (आमिर खान) की एंट्री होती है, लेकिन फिरंगी मल्लाह किस तरह से खुदाबख्श और जफीरा की मदद करता है, इसके लिए आपको खुद सिनेमाघर जाना पड़ेगा और पूरी फिल्म देखनी होगी.
वैसै फिल्म में आमिर और अमिताभ को साथ देखना उनके फैन्स के लिए किसी दिवाली गिफ्ट से कम नहीं होगा. अभिनय की बात की जाए तो अमिताभ बच्चन ने इस उम्र में शानदार एक्शन सीन वाला रोल किया है. पानी के जहाजों पर उनके लड़ाई के सीन जबरदस्त हैं. वहीं आमिर हमेशा की तरह लाजवाब हैं. आमिर हमेशा की तरह अपने रोल में पूरी तरह रम गए हैं. आमिर ने मसखरे धोखेबाज ठग के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है. वहीं, फिल्म में एक्ट्रेस की बात की जाए तो 'दंगल' के बाद फातिमा सना शेख के पास 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' के रूप में एक बड़ा मौका था, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया.
फिल्म में सना ने कई प्रभावी सीन्स किए हैं, जिन्हें वो बेहतरीन तरीके से परफॉर्म किया है. वहीं, कटरीना कैफ (सुरैय्या जान) के बारे में बात की जाए तो बहुत ही कम सीन्स में नजर आती हैं. इस फिल्म की कहानी में उनका योगदान कितना है यह तो आपको फिल्म देखकर ही बता चल जाएगा, लेकिन एक सवाल है कि कैटरीना ने सुरैय्या जान का किरदार निभाने के लिए तैयार कैसे हो गईं, क्योंकि वह फिल्म में सिर्फ 2 गानों और 3 सीन्स में में ही नजर आती हैं, जो दर्शकों को मनोरंजन करने के लिए काफी नहीं था.
वहीं, फिल्म की संगीत की बात की जाए तो 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' के सभी गाने नॉर्मल हैं. यहां नॉर्मल कहने का मतलब साफ है कि उसे ज्यादा पसंद किया जाना पॉसिबल नहीं है. फिल्म के बाद आपको सिर्फ एक गाने ही याद रहेंगे और वह है कटरीना कैफ के ऊपर फिल्माया गया एक आइटम नंबर 'सुरैय्या जान लेगी क्या'. वहीं, फिल्म के डायरेक्टर विजय कृष्ण आचार्य ने अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने के लिए काफी मेहनत की है. इसके बावजूद वह फिल्म को संभालने में सफल साबित नहीं हुए. फिल्म का डायरेक्शन 'धूम 3' से भी बहुत पीछे नजर आता है. विजय के बारे में बता दें, वह यशराज बैनर के लिए बिग बजट फिल्में बनाते आ रहे हैं, लेकिन हिट फिल्मों में अब तक सिर्फ 'धूम 3' ही उनके झोली में गिरी है.