सुशांत संग दोस्ती से लेकर नेपोटिज्म तक ऋचा चड्ढा ने तोड़ी चुप्पी, लिखा लंबा नोट
अब सुशांत की दोस्त और एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) ने एक ब्लॉक लिखकर सबको झझकोर दिया है.
नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत को एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है. लेकिन इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर आया तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा. बॉलीवूड स्टार्स और फैंस के साथ राजनैतिक गलियारे में भी इस मामले को लेकर बातें हो रही हैं. इसी बीच अब सुशांत की दोस्त और एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) ने एक ब्लॉक लिखकर सबको झझकोर दिया है. ऋचा के लंबे-चौड़े इस नोट में उन्होंने सुशांत से दोस्ती, उनकी मौत के लिए जिम्मेदार माने जा रहे नेपोटिज्म जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है.
यहां इक खिलौना है
इन्सां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहां पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
साहिर लुधयानवी की इन्हीं मशहूर पंक्तियों के साथ ऋचा चड्ढा ने अपने इस नोट की शुरुआत की. जहां उन्होंने नेपोटिज्म से लेकर बॉलीवुड के तमाम मुद्दों पर अपने विचार शेयर किए हैं. अपनी बात शुरु करते हुए ऋचा लिखती हैं, 'साहिर लुधयानवी के शब्द इन दिनों मेरे कानों में गूंज रहे हैं. मेरे दोस्त सुशांत के जाने के बाद लगातार फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) पर बहस जारी है. लेकिन ये बहस कितनी भी की जाए कम ही है. लेकिन ये माहौल किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं.'
इनसाइडर बनाम आउटसाइडर
इसके आगे ऋचा ने लिखा है, 'ऐसा कहा जा रहा है कि इंडस्ट्री के अब दो भाग हो चुके हैं- इनसाइडर और आउटसाइडर. लेकिन मैं मानती हूं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और पूरा इको-सिस्टम ही अच्छे और बुरे व्यवहार पर आधारित है. मुझे यहां काफी समय बीत चुका है, इस बारे में मेरे मानना है कि इंडस्ट्री एक फूड चेन की तरह है. यहां आने वाले लोग भी कम चालाक नहीं, जब उन्हें लगता है कि वह अब खुद इस राह में चल सकते हैं तो वह अपनों का साथ छोड़ देते हैं.'
आउटसाइडर और इनसाइडर पर ऋचा ने बताया है कि इनसाइडर भी दयालु और उदार हो सकते हैं और आउटसाइडर भी घमंडी. अपना अनुभव शेयर करते हुए ऋचा लिखती हैं, 'जब मैं खुद इंडस्ट्री में नई-नई आई थी तब एक आउटसाइडर ने मुझे ऐसा महसूस करवाया था कि मैं कोई महत्वपूर्ण इंसान नहीं हूं. ऐसी परिस्थिती से गुजरने वाली मैं अकेली नहीं बल्कि कई लोग हैं जिन्होंने ये अनुभव किया होगा.'
निजी जीवन भी प्रभावित
ऋचा ने यहां सफलता और असफलता के बारे में भी बात की और लिखा है, 'यह एक ऐसी जगह है जहां सफलता और असफलता किसी से छिपाई नहीं जा सकती वह खुले तौर पर नजर आती है. इस जगह रहकर निजी जीवन भी प्रभावित होने से नहीं बचता, यहां तक की कई बार तो एक झूठे कारण या अफवाह की वजह से कोई एक्टर सुर्खियों में आ जाता है.'
नेपोटिज्म की बहस पर उठाए सवाल
स्टार किड के बारे में बात करते हुए भी ऋचा ने काफी खुलकर अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा है कि मुझे स्टारकिड्स से नफरत नहीं, बल्कि इस सब्जेक्ट को सुनकर मुझे हंसी आती है. मैं किसी स्टार किड से नफरत नहीं करती. अगर किसी के पिता स्टार हैं तो क्या.. जैसे हमारा जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ तो वह उस परिवार में पैदा हुए. क्या हमें अपने माता पिता पर शर्म आती है, क्या हमें जो विरासत में मिला उससे शर्म आती है? फिर स्टारकिड से क्यों ये सब कहा जाए. क्या मेरे बच्चे मेरे करियर को लेकर शर्मिंदा होंगे?'
बाइक से लिफ्ट देते थे सुशांत
सुशांत से अपनी दोस्ती के बारे में बात करते हुए ऋचा ने एक ऐसे दौर के बारे में बताया जो शायद किसी को अब तक पता नहीं था. ऋचा और सुशांत ने कभी किसी फिल्म में साथ काम भले ही नहीं किया लेकिन दोनों पुराने दोस्त थे. ऋचा ने लिखा है, 'मैंने और सुशांत ने एक ही थिएटर ग्रूप से शुरूआत की. तब मैं अंधेरी वेस्ट में दिल्ली से आए दोस्त के साथ 700वर्ग फुट के अपार्टमेंट को शेयर करके रहती थी. सुशांत मुझे लेने आते थे और बाइक से लिफ्ट देते थे. इसके लिए मैं बहुत अभारी हूं.'