Sunny Deol Famous Dialouges: सनी देओल-अमीशा पटेल-अमरीश पुरी स्टारर गदर-एक प्रेम कथा फिर थियेटरों में हैं. गदर-2 की रिलीज से पहले 22 साल पुरानी इस फिल्म को निर्माताओं ने चुनिंदा थियेटरों लगाया है. शुक्रवार को फिल्म ने 30 लाख रुपये का कलेक्शन किया. ट्रेड के जानकार इसे अच्छा मान रहे हैं क्योंकि शुक्रवार को फिल्म के देश भर में मात्र 700 शो किए गए. दर्शक फिल्म देखने पहुंचे और एक बार फिर से गदर की तारीफ के पुल बांधे. फिल्म की लंबाई इस बार थोड़ी-सी बढ़ गई है क्योंकि इसमें कुछ नए दृश्य जोड़े गए हैं. अंत में गदर 2 का टीजर भी है. फिल्म में जोड़ा गया एक नया डायलॉग सुर्खियां बटोर रहा है.


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दहेज में लाहौर
क्लाइमेक्स में करीब 50 सेकेंड के नए सीन में एक किरदार तारा सिंह (सनी देओल) के लिए कहता हैः ‘दामाद है वो पाकिस्तान का. उसे नारियल दो. उसे टीका दो.’ इसके बाद वह डायलॉग के अंत में कॉमिक टच के साथ कहता हैः ‘दहेज में लाहौर ले जाएगा’. इस डायलॉग पर हॉल में खूब सीटियां और तालियां बज रही हैं. नए सिरे से रिलीज हुई गदर की लंबाई तीन घंटे 12 मिनिट 45 सेकंड है. उल्लेखनीय है कि गदर भारतीय सिनेमा की टॉप 10 ब्लॉकबस्टर में हमेशा के लिए दर्ज है. गदर को दर्शकों का अच्छा रेस्पॉन्स मिलना गदर 2 के लिए गुड न्यूज है. गदर की चर्चा जब चारों तरफ है तो इसके डायलॉग भी चर्चा पा रहे हैं. एक नजर इस शानदार फिल्म में सनी देओल के जोरदार डायलॉग्स पर...


डॉयलॉग सनी के
-हमारा
हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है, जिंदाबाद रहेगा.
-अगर मैं अपनी बीवी और बच्चों के लिए सिर झुका सकता हूं... तो मैं सबसे सिर काट भी सकता हूं.
-एक कागज पर मोहर नहीं लगेगी... तो क्या तारा पाकिस्तान नहीं जाएगा.
-बरसात से बचने की हैसियत है नहीं... और गोलीबारी की बात कर रहे हैं आप लोग.
-बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए, इसी में सबकी भलाई है. वर्ना अगर आज ये जट्ट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा.
-मुसलमानी है ये, मुसलमानी है ये, लो अब हो गई सिखणी... अब किसी ने इसकी तरफ आंख भी उठाई ना, वाहे गरुजी दी सौं गर्दन उखाड़ दूंगा.
-जिंदगी कितनी भी बेहरम क्यों न हो, जीना तो पड़ता है मैडमजी... जीना तो पड़ता है.
-सियासत बदल गई, वतन के नाम बदल गए... पर दिल के जज्बात तो नहीं बदले जा सकते ना.
-किसी को हिंदुस्तान चाहिए, किसी को पाकिस्तान... इंसान की तो इंसानों को जरूरत ही नहीं है.
-रब एक, खुदा एक, तो उसके बनाए हुए सब बंदे भी एक हुए ना! फिर क्या सिंह और क्या खान.
-हम तो इतने मजबूर हैं कि मर भी नहीं सकते... अगर मर सकते तो कब के मर जाते.