नई दिल्ली: अगर कोई बच्चा बचपन में हकलाता हो, जिसे स्कूल का होमवर्क करने में पसीने छूटते हों तो ऐसे बच्चे बड़े हो कर क्या बनते हैं? ऋतिक रोशन, अभिषेक बच्चन और तापसी पन्नू. दरअसल इन दिनों कई स्टार आगे बढ़ कर यह स्वीकार कर रहे हैं कि वे डिप्रेशन के मरीज रह चुके हैं. दीपिका पादुकोण, शाहीन भट्ट और अब इलियाना डिक्रूज ने स्वीकार किया है कि उन्हें डिप्रेशन रह चुका है और किस तरह मेडिकेशन और पॉजिटिव एटीट्यूड से उन्होंने अपने को ठीक किया. लेकिन शारीरिक कमियों के साथ एक्टर बनना, जैसे राणा डग्गूबाती जिनकी एक आंख नकली है, सुधा चंद्रन जिसने अपना एक पांव एक्सीडेंट में गंवा दिया कम ही लोग कर पाते हैं.


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ऋतिक रोशन बचपन में हकलाते थे
ऋतिक रोशन के पापा राकेश रोशन ने कभी नहीं सोचा था कि उनका इकलौता बेटा एक दिन इतना बड़ा स्टार बनेगा और जिसकी डॉयलाग डिलीवरी पर युवी पीढ़ी दीवानी हो जाएगी. बचपन से ऋतिक ठीक से बोल नहीं पाते थे. तुतलाते और हकलाते थे. इस वजह से उनमें सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं था. दुबले-पतले शर्मीले ऋतिक के पापा और नाना प्रोड्यूसर ओम प्रकाश उनके लिए बहुत परेशान रहते थे. उन्होंने खुद ऋतिक रोशन को स्पीच थेरेपिस्ट के पास ले जाना शुरू किया. कई साल लगे ऋतिक को ठीक से बोलने में. लेकिन आज यह बात स्वीकार करने में उन्हें कोई शर्म नहीं कि वे बचपन में ठीक से बोल नहीं पाते थे. उन्हें लगता है कि जिस तरह उन्होंने अपनी हकलाहट पर काबू किया, उस तरह जिंदगी में किसी भी परेशानी का सामना कर सकते हैं.



अभिषेक बच्चन थे पढ़ाई में कमजोर
जिन दिनों अभिषेक बड़े हो रहे थे, उनके पापा अमिताभ बच्चन सुपर स्टार थे. अपने बेटे के लिए उनके पास वक्त नहीं था. जब अभिषेक क्लास में पिछड़ने लगे, बिग बी को लगा कि उसके अंदर कोई कॉम्पलेक्स है. पर जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि अभिषेक को डिसलेक्सिया है. स्लो लर्नर के साथ-साथ उन्हें अक्षर ठीक से समझ नहीं आते. इस प्रॉब्लम को जान लेने के बाद उनका इलाज हुआ. इसके पहले तक पढ़ाई में नंबर नहीं आने की वजह से अभिषेक मम्मी-पापा दोनों से डांट खाते थे. इसलिए बचपन में इंट्रोवर्ट भी हो गए थे. बाद में जब बिग बी ने अपने बेटे से कहा कि तुम्हें जिंदगी में जो अच्छा लगता है वो करो. अभिषेक ने तय किया कि वो एक्टर बनेंगे.



तापसी पन्नू से परेशान रहते थे उनके पेरेंट्स
बचपन में तापसी इतनी हायपर एक्टिव थीं कि कभी एक जगह पर ज्यादा देर नहीं बैठ पाती थीं. हर समय कोई ना कोई शरारत, तोड़-फोड़ करती रहती थीं. जब उनकी यह दिक्कत उनके मम्मी-पापा को समझ आई तो समय पर उनका इलाज किया गया. उन्हें दूसरे कामों में बिजी किया गया ताकि उनकी एनर्जी सही कामों में लग सके. तापसी को एक बार खेल-कूद की आदत लग गई. वो दिनभर खेलती रहती. इसके बाद इतनी थक जाती कि और कोई काम नहीं कर पाती. खेल और दूसरी एक्टिवटी करने की वजह से तापसी बहुत जल्द ठीक हो गईं.


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