Amitabh Bachchan Don: यह बात किसी से छुपी नहीं कि रेखा ने अमिताभ बच्चन को फिल्मों में अपना गुरु माना और उनके कदमों पर ही आगे बढ़ने की कोशिश की. जब अमिताभ बच्चन पर्दे पर डॉन (1978) बनकर सुपर हिट हुए तो रेखा ने भी उन्हीं के अंदाज में डॉन बनने की कोशिश की. अमिताभ की डॉन की कहानी की नकल करते हुए रेखा के लिए फिल्म लिखी गई, मैडम एक्स (1994). डॉन में अमिताभ का डबल रोल था, एक क्रिमनल और दूसरा सीधा-सादा गंवई, जो गैंग में पहले वाले की जगह ले लेता है और गैंग को खत्म करने में पुलिस की मदद करता है. मैडम एक्स में भी ऐसी ही कहानी है, जिसमें पुलिस अफसर विजय (कहने की जरूरत नहीं कि यह भी अमिताभ का सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्क्रीन नाम है) गैंगस्टर मैडम एक्स (रेखा) को अपनी कैद में ले लेता और उसकी हमशक्ल सोनू नाम की गरीब-जरूरतमंद युवती को सिखा-पढ़ा-लिखा कर उसके गैंग में भेजता है, ताकि वहां की खबरें जान सके. डॉन और मैडम एक्स का मूल आइडिया समान था, मगर क्लाइमेक्स तक जाकर घटनाओं में बदलाव किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौत की वो एक्सप्रेस...
निर्देशक दीपक शिवदासानी की फिल्म को बनने में करीब चार साल लगे. फिल्म रुक-रुक कर बनी. फिल्म के खत्म होते-होते निर्देशक के रूप में इसमें बी.सुभाष आ गए. फिल्म में रेखा को बहुत भव्य ढंग से पेश किया गया और हर सीन में उन्हें अलग तथा बेहद फैशनेबल कॉस्ट्यूम पहनाए गए. फिल्म में रेखा के लिए विशेष तौर पर तैयार कॉस्ट्यूम दुबई में डिजाइन करा के मंगाए गए थे. लेकिन फिल्म में इतनी देर होने लगी कि डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ने मैडम एक्स बनी रेखा की मौत का क्लाइमेक्स सीन फिल्माए बिना ही इसे रिलीज कर दिया. ढाई घंटे की यह फिल्म क्लाइमेक्स सीन के बगैर अचानक खत्म हो जाती है. फिल्म के प्रमोशन में कहा गया कि रेखा ने इस फिल्म में अपने करियर का सबसे बेहतरीन परफॉरमेंस दिया है. मगर दर्शकों ने फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट, नकली ड्रामेबाजी और रेखा की ओवरएक्टिंग के कारण इसे खारिज कर दिया. फिल्म के डायलॉग पूरी तरह रेखा को नई दबंग-डॉन टाइम इमेज देने के लिए लिखे गए. जैसेः ‘हम हैं मौत की वो एक्सप्रेस, दुनिया जिसे कहती है... मैडम एक्स...’ और ‘एक बार आसमान टूट सकता है पर मैडम एक्स का घमंड नहीं.’


सिर्फ 20 साल के थे अजय देवन
एक्शन डायरेक्टर पिता के बेटे अजय देवगन (Ajay Devgn) फिल्मों में आने से पहले ट्रेनिंग के लिए मैडम एक्स में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर 1989 में जुड़े थे. तब वह सिर्फ 20 साल के थे. लेकिन फिल्म बनने में देर हो ही थी और मैडम एक्स की शूटिंग शुरू होने के साल भर बाद अजय को फिल्मों में ब्रेक मिल गया. वह फूल और कांटे (1991) में हीरो बन गए. उनकी फिल्म रिलीज होने के तीन साल बाद रेखा की मैडम एक्स सिनेमाघरों में आई. फिल्म में हीरो के रूप में पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान (Mohsin Khan) थे. उन्होंने ही इसमें इंस्पेक्टर विजय का रोल निभाया था. उस दौर में मोहसिन खान लगातार हिंदी फिल्मों में सक्रिय थे. 1997 में उनकी आखिरी फिल्म आई थी, महानता. इसके बाद वह पाकिस्तान लौट गए. खैर, अमिताभ की तरह डॉन बनने का रेखा का सपना बॉक्स ऑफिस पर टूट गया. मैडम एक्स पूरी तरह से रेखा के इर्द-गिर्द होने के बावजूद बुरी तरह फ्लॉप हुई.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर