Anil Kapoor Jackie Shroff Film: 1995 में आई त्रिमूर्ति सुभाष घई के प्रोडक्शन हाउस मुक्ता आर्ट्स की पहली ऐसी फिल्म थी, जिसे सुभाष घई ने प्रोड्यूस तो किया लेकिन निर्देशन मुकुल आंनद ने किया था. अमिताभ बच्चन के साथ हम और खुदा गवाह जैसी फिल्में बना चुके मुकुल आंनद की यह आखिरी फिल्म थी. इस एक्शन ड्रामा में जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, शाहरुख खान, अंजली जठार, प्रिया तेंदुलकर, गौतमी और मोहन अगाशे की मुख्य भूमिकाएं थीं. मल्टीस्टारर और सुभाष घई की फिल्म होने के कारण फिल्म ने पहले ही दिन 1 करोड़ की ओपनिंग ली थी. पहले ही दिन एक करोड़ रुपये कमाने वाली यह पहली बॉलीवुड फिल्म थी, लेकिन इसके बावजूद बॉक्स ऑफिस पर यह फ्लॉप रही. फिल्म का बजट 11 करोड़ रुपये था, मगर बॉक्स ऑफिस पर यह केवल करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये ही बना सकी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक-दूसरे पर आरोप
करण राजदान त्रिमूर्ति के स्क्रिप्ट राइटर थे, मुकुल आंनद डायरेक्टर तथा सुभाष घई प्रोड्यूसर. फिल्म फ्लॉप हुई तो सब एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे. करण राजदान का कहना था, स्क्रिप्ट में कोई कमी नहीं थी. करण के अनुसार मुकुल आंनद सिर्फ हाई बजट देखकर फिल्म करने को तैयार हुए थे. उनका इसे बनाने का कोई मन नहीं था. साथ ही उन्होंने करण की जानकारी के बिना फिल्म की स्क्रिप्ट में कई चेंज किए गए थे. वहीं मुकुल आंनद का कहना था कि त्रिमूर्ति, सुभाष घई का बेबी था. भले ही सुभाष घई ने फिल्म को डायरेक्ट नहीं किया, लेकिन स्क्रिप्ट से लेकर बैकग्राउंड म्यूजिक तक हर चीज में उनका हस्तक्षेप था. इसे पुराने स्टाइल की एक्शन फिल्म जैसा शूट किया, जबकि 1995 के दर्शक नई लव स्टोरी, नई कहानी चाहते थे. मुकुल के अनुसार सुभाष घई ने कई सीन अपने तरीके से शूट करवाए. सुभाष घई ने शाहरुख के कैरेक्टर में भी कई बदलाव करवाए जबकि उनका कैरेक्टर स्क्रिप्ट में कुछ और ही लिखा गया था. सिर्फ इस कारण कि दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) के बाद शाहरुख की स्टार इमेज बन चुकी थी. उसी इमेज को भुनाने के लिए शाहरुख खान को फिल्म के एक सीन में डीडीएलजे वाली हेट और जैकेट पहनाई गई. मगर फिल्म को इसका फायदा नहीं मिला.


पत्नी की सुनी राइटर ने
त्रिमूर्ति तीन ऐसे भाइयों की कहानी थी जो एक-दूसरे से नफरत करते हैं. जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और शाहरुख खान ने इन तीनों भाइयों की भूमिका निभाई थी. प्रिया तेंदुलकर इनकी मां बनी थी, जो पुलिस ऑफिसर की भूमिका में थी, जिसे गलत आरोपों में जेल में डाल दिया जाता है. अनिल कपूर का रोल पहले संजय दत्त करने वाले थे. वह इस फिल्म के कई सीन शूट भी कर चुके थे, लेकिन उन्हें जेल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी जगह पर अनिल कपूर को लिया गया और संजय दत्त वाला हिस्सा फिर से शूट किया गया. प्रिया तेंदुलकर का रोल करण राजदान ने शबाना आजमी को ध्यान में रखकर लिखा था लेकिन जब उनकी पत्नी प्रिया तेंदुलकर ने स्क्रिप्ट सुनी तो उन्होंने करण राजदान से आग्रह किया कि कुछ भी हो यह रोल वही करेंगी. करण अपनी पत्नी की नहीं सुनते, ऐसा कैसे हो सकता था.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर