Udaipur Kanhaiya Lal Murder Case: यह सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों का दौर है. ऐसी फिल्में बनाने का, जिनमें दर्शकों की भावनाएं जगाई जा सकें. हाल के वर्षों में सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्में बॉलीवुड के लिए फायदे का सौदा साबित हुई हैं. द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) लेकर द केरल स्टोरी (The Kerala Story) तक. इमरजेंसी (Emergency) से लेकर अजमेर 92 (Ajmer 92) तक फिल्में आने को तैयार हैं. अब उदयपुर (Udaipur) के बहुचर्चित कन्हैया मर्डर केस (Kanhaiya Lal Murder Case) पर आधारित एक फिल्म बनने की बात कह जा रही है. खबर है कि मुंबई (Mumbai) के फिल्म निर्माता इस मामले में फिलहाल मृतक के परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे हैं.


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मुंबई से आया फोन
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में एक पोस्ट करने के आरोप में, पिछले साल 28 जून को उदयपुर में एक दर्जी, कन्हैया लाल की उनकी दुकान के अंदर घुसकर दिनदहाड़े दो लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में कन्हैया लाल का सिर काटे जाने की घटना से पूरे देश में जनाक्रोश फैल गया था. अब कन्हैया लाल के बेटे यश ने मीडिया में बताया है कि कुछ दिन पहले उन्हें मुंबई से निर्देशक अमित जानी द्वारा फायरफॉक्स नाम की कंपनी की तरफ से फोन आया था. उन्होंने अमित जानी से बात की. जानी ने उनसे कहा कि हम आपके पिता यानी कि कन्हैया लाल हत्याकांड पर फिल्म बनाने जा रहे हैं. 28 जून को कन्हैया लाल की हत्या को एक बरस पूरा हुआ है. निर्देशक अमित जानी ने कहा कि वह उदयपुर आकर इस मामले में परिवार से बात करेंगे.


पुलिस के पास शिकायत
यश ने कहा कि फिल्म का नाम उदयपुर फाइल्स (Udaipur Files) हो सकता है. उन्होंमे बताया कि इस फिल्म को बनाने के लिए उनके परिवार के सभी सदस्य सहमत हैं. निर्माताओं की ओर से आधिकारिक घोषणा का अभी भी इंतजार है. उल्लेखनीय है कि यह घटना 28 जून को उदयपुर के मालदास इलाके में हुई थी. पुलिस ने बताया था कि अपराध को अंजाम देने के तुरंत बाद दो हत्यारों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट (Video Post) करके प्रधानमंत्री (Prime Minister) के नाम भी धमकी दी थी. घटना के कुछ ही घंटों के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. हमलावरों की पहचान रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के रूप में हुई थी. 47 वर्षीय कन्हैया लाल की हत्या के वीडियो में रियाज ने तेज धार वाले हथियार से हमला किया था, जबकि गौस ने अपने मोबाइल फोन पर अपराध को रिकॉर्ड किया. हत्या से पहले कन्हैया लाल को धमकियां मिल रही थी और उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी.