Bollywood Underworld Film: इस बात में संदेह नहीं कि मुंबई अंडरवर्ल्ड पर बहुत सारी फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन अच्छी कहानियों की गुंजाइश सदा बनी रहती है. आजम अंडरवर्ल्ड की कहानी को कुछ अलग ढंग से उठाती है और इसका कथानक रोचक है. काफी हद तक बांधे रखता है. नया भी कहता है. जिमी शेरगिल लंबे अर्से बाद ऐसे रोल में हैं, जिसमें उनका अंदाज धारदार है. वह कम बोलते हैं मगर उनकी आंखें और चुप्पी बात करती है. जिमी के फैन्स इस रोल में उन्हें देखकर संतोष महसूस करेंगे. अगर आप अंडरवर्ल्ड की कहानियां पसंद करते हैं तो निश्चित ही इस फिल्म को देख सकते हैं.


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भाई नहीं, बाप
आजम का अर्थ होता है, पराक्रमी. इस फिल्म में अंडवर्ल्ड पर कब्जे के लिए जावेद (जिमी शेरगिल) का पराक्रम नजर आता है. कहानी एक रात की है. मुंबई को अपनी मुट्ठी में रखने वाला डॉन नवाब खान (रजा मुराद) बीमार होकर आखिरी घड़ियां गिन रहा है. सवाल यह कि नवाब के बाद मुंबई का भाई नहीं, नया बाप कौन होगाॽ कम से कम आधा दर्जन दावेदार हैं. जिनमें नवाब के करीबियों-सहयोगियों से लेकर उसका बेटा कादर पठान (अभिमन्यु सिंह) तक शामिल हैं. इन दावेदारों में जावेद का कहीं नंबर नहीं है, लेकिन उसकी नजर डॉन की गद्दी पर है. अंडरवर्ल्ड की रेस में जीतता वही है, जिसे कोई गद्दी तक पहुंचते देख नहीं पाता. क्या जावेद सबकी नजरों से बचा रहेगा या किसी मोहरे से पिट जाएगाॽ



उठते-गिरते मोहरे
आजम दो घंटे की थ्रिलर है. इसकी कहानी भी कुछ घंटों की है. जिसमें घात-प्रतिघात हैं. चालें चली जाती हैं. दिमाग पढ़े जाते हैं. नेता और सीनियर पुलिस अफसरों का खेल भी पर्दे के पीछे चलता है. एक के बाद एक मोहरे उठते-गिरते हैं. लेकिन सवाल बना रहता है कि जावेद का क्याॽ क्या यह प्यादा काले-सफेद चौखानों पर चलता हुआ अंतिम कतार में पहुंच कर राजा बन सकेगाॽ यहां जावेद की कहानी निखर कर आती है कि वह कौन है और कैसे इस दुनिया में आया. जिमी शेरगिस का परफॉरमेंस आजम को देखने योग्य बनाता है. पुलिस इंस्पेक्टर बने इंद्रनील सेनगुप्ता ने भी उन्हें अच्छा सहयोग दिया है. रजा मुराद जमे हैं. यह जरूर है कि अभिमन्यु सिंह, अनंग देसाई और मुश्ताक खान जैसे एक्टर का डायरेक्टर वाजिब इस्तेमाल नहीं कर सके. इनके किरदारों को बेहतर ढंग से लिखा जाता, तो फिल्म की खूबसूरती बढ़ जाती.


साइबर का रोमांच
आजम के अंडरवर्ल्ड में गीत-संगीत की गुंजायश होने के बावजूद निर्देशक उससे बचकर निकले हैं. इससे फिल्म में कसावट बनी रहती है. अंडरवर्ल्ड के साथ साइबर दुनिया का जोड़ इसके रोमांच को बढ़ाता है. इसमें नयापन भी लाता है. निर्देशक श्रवण तिवारी आजम के विषय से काफी हद तक न्याय करने में सफल रहे. हालांकि उनका फोकस कहानी के फैलाव में चुनिंदा किरदारों पर रहा, इससे फिल्म का पैनापन कुछ कम हो गया है. लेकिन इसके बावजूद आजम देखने योग्य सिनेमा है.


निर्देशकः श्रवण तिवारी
सितारे: जिमी शेरगिल, रजा मुराद, सयाजी शिंदे, अभिमन्यु सिंह, इंद्रनील सेनगुप्ता
रेटिंग**1/2