फिल्म निर्देशक: सुधा कोंगारा
स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, परेश रावल, राधिका मदान, सीमा विश्वास, प्रकाश बेलावदी आदि
कहां देख सकते हैं: थिएटर्स में
स्टार रेटिंग: 3.5


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जब सरफिरा का ट्रेलर आया तो जो लोग उसकी ओरजिनल तमिल मूवी ‘सोरारई पोटरू’ देख चुके थे, वो उस से मिलते जुलते सींस ढूंढ रहे थे. अब मूवी देखने के बाद कहा जा सकता है कि जिन लोगों ने सूर्या की ओरिजनल मूवी नहीं देखी, उनके लिए ये पैसा वसूल मूवी है, लेकिन जिन लोगों ने देखी है, उनको शायद उतना मजा ना आए क्योंकि फिल्म के पहले सीन से लेकर मूवी खत्म होने तक फिल्म के तमाम सींस आपको एकदम कॉपी लगेंगे और चूंकि ऑफीशियल रीमेक थी, और उस पर निर्देशक भी वही, सो ऐसा होना भी था. लेकिन वाबजूद इसके सुधा ने किरदारों की बैकग्राउंड तमिलनाडु से महाराष्ट्र लाकर काफी कुछ बदल दिया है.


'सरफिरा' की कहानी


जिन युवाओं को भारत में 1 रुपए में हवाई यात्रा करवाने वाली एयरलाइंस की कहानी नहीं पता है, उनको भी इस मूवी में काफी आनंद आने वाला है. कहानी है एक ऐसे युवा वीर म्हात्रे (अक्षय कुमार) की जो एयरफोर्स में रहते हुए ऊंचे सपने देखता है, गांधीवादी पिता के सामने भगत सिंह की तरह अड़ जाता है. लेकिन एक हादसा उसे एयरफोर्स से इस्तीफा देकर एक बड़ा ख्वाब साकार करने पर मजबूर कर देता है. जब पैसे कम रह जाने की वजह से उसे फ्लाइट में टिकट नहीं मिलती और बीमार पिता के आखिरी दर्शन तक नहीं कर पाता तो वो अंदर से टूट जाता है. मां (सीमा विश्वास) के ताने मिलते हैं सो अलग. नौकरी से इस्तीफा देकर वो घर आ जाता है, अपने दो साथियों के साथ, भारत की सबसे सस्ती एयरलाइंस बनाने का सपना लेकर और साथ में गांव में खेती भी करना शुरू कर देता है.


लेकिन ये इतना आसान था भी कहां, अरबों रुपए उनके इस ख्वाब में कौन इन्वेस्ट करता? 24 बैंक उसका प्रस्ताव खारिज कर देते हैं. तो वह जैज एयरवेज के मालिस परेश गोस्वामी (परेश रावल) से किसी भी तरह मिलकर उन्हें आइडिया सुनाकर पार्टनरशिप का प्रस्ताव रखता है, वो उसे बेइज्जत करके भगा देते हैं. लेकिन एक निवेशक (प्रकाश बेलावदी) उसके सपने को पूरा करने के लिए आगे आता है, मां की जमीनें गिरवी रखकर वीर कुछ प्लेन के लिए एडवांस भी देता है कि उसके साथ साजिश हो जाती है. राष्ट्रपति कलाम के दखल से डीजीसीए से मंजूरी तो मिल जाती है, लेकिन अचानक परेश कानूनी बदलाव करवाकर उसके साथ खेल कर देता है.


'सरफिरा' रिव्यू


कैसे वो परेश-डीजीसीए चीफ आदि का नेक्सस तोड़कर गरीब आदमी को 1 रुपए में हवाई सैर करवाने वाली एयरलाइंस का सपना अमल में लाता है, ये कहानी उसी उतार चढ़ाव को दिखाती है. इस सच्ची कहानी की हीरोइन है राधिका मदान, अक्षय में उम्र में आधी, लेकिन जो लय राधिका इस मूवी में पकड़ती हैं, अक्षय पर भारी पड़ती हैं. इस मूवी को पसंद किया भी जाएगा तो एक बड़ी वजह इस मूवी में इन दोनों की कैमिस्ट्री होगी. सबसे दिलचस्प बात है कि अक्षय ने सूर्या जैसा ही क्लीन शेव, या हलकी दाढ़ी का लुक रखा है, कपड़े भी उसी तरह के हैं. पिछली कुछ फिल्मों में अक्षय ने बेढ़ंगी मूछें आदि रखकर अपने फैंस को निराश ही किया था.


हालांकि इस मूवी में उनके कई लुक दिखेंगे, लम्बे वालों वाला भी एक लुक है. लेकिन वो ऐसे लुक्स में ही अच्छे लगते हैं. ये मूवी सच्ची कहानी है कैप्टन जीआर गोपीनाथ की, जिनकी आत्मकथा ‘सिपंली फ्लाई’ पर ये मूवी आधारित है. मूल तमिल फिल्म में सूर्या के साथ लीड एक्ट्रेस अपर्णा बालमुरली थीं. सरफिरा में भी सूर्या नजर आएंगे लेकिन आखिर में एक कैमियो के साथ.


कई सारे गाने हैं इस मूवी में छोटे छोटे, ज्यादातर मनोज मुंतशिर के हैं, सो मान लीजिए कि गाने के बोल नजरअंदाज करने लायक तो नहीं होंगे, पहले ही गाने की शुरूआत ’56 इंची’ से हो जाती है. उसके बाद तमाम टपोरी गाने हैं, जैसे तू सरफिरा, मैं सरफिरी, येड़ा-येड़ी आदि. कट्टी बत्ती, खुदाया जैसे कई गीत हैं जो अलग अलग मिजाज और माहौल के भी हैं. म्यूजिक भले ही सर चढ़कर बोलने वाला ना हो लेकिन आप उसे खारिज तो नहीं कर सकते.


डायरेक्शन और एक्टिंग


डायरेक्टर के लिए ये मुश्किल था कि महाराष्ट्रीयन माहौल में रखकर फिल्म में वही रोमांच बरकरार रखे, जो ओरिजनल में था, और डायलॉग्स भी हिंदी, मराठी के नोटिस करने लायक हों और इसमें डायरेक्टर काफी हद तक कामयाब रही हैं. इमोशंस के स्तर पर अक्षय कुमार कहीं कहीं सूर्या से बेहतर लगे हैं, परेश, प्रकाश, सीमा विश्वास जैसे सितारे तो गजब हैं ही, इन सबसे बीच लेकिन राधिका मदान बाजी मार ले गई हैं. राधिका को पहली बार खुलकर खेलने का मौका मिला है और वो इस मूवी से नजरों में आने नहीं बल्कि बने रहने की हकदार बन गई हैं.


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क्यों देखें


ऐसे में जिन लोगों ने सूर्या की मूवी नहीं देखी है, उनको तो फौरन इस मूवी को देखना चाहिए, लेकिन जो लोग सूर्या की मूवी को देख चुके हैं, वो एक बार को ओटीटी पर आने का इंतजार भी कर सकते हैं. लेकिन इतना तय है कि अक्षय की ये मूवी ना तो कोई बहुत बड़ी ऐतिहासिक मूवी होने जा रही है और ना ही पिटने जा रही है. कम से कम आपके पैसे बेकार नहीं जाएंगे.