ईरान से चाबहार बंदरगाह की डील, अब सेंट्रल एशिया में कैसे जमेगी भारत की धाक? 5 प्वाइंट्स में समझिए
Chabahar Port News: ईरान का चाबहार बंदरगाह, भारत के सेंट्रल एशिया और उससे आगे के रणनीतिक और आर्थिक विजन में महत्वपूर्ण जगह रखता है. 5 प्वाइंट्स में समझिए कि भारत इसकी मदद से कैसे सेंट्रल एशिया में धाक जमाने को तैयार है.
Chabahar Port Importance For India: चाबहार पोर्ट को लेकर भारत और ईरान के बीच डील हो गई है. सोमवार को दोनों देशों ने 10 साल के समझौते पर मुहर लगाई. भारत और ईरान मिलकर चाबहार पोर्ट को डेवलप और मैनेज करेंगे. इस समझौते से भारत और ईरान की रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी और मजबूत हुई है. इस समझौते के तहत, इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने पोर्ट में 120 मिलियन डॉलर इनवेस्ट करने का वादा किया है. भारत ने रुपये में 250 मिलियन डॉलर के बराबर की क्रेडिट विंडो भी दी है. इस क्रेडिट विंडो का इस्तेमाल बंदरगाह से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए प्रोजेक्ट्स पर किया जाएगा. चाबहार एक गहरे पानी का बंदरगाह है जो ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद है. यह ईरानी बंदरगाह भारत के सबसे नजदीक है और खुले समुद्र में स्थित है. यानी चाबहार पोर्ट बड़े कार्गो जहाजों के लिए ईजी और सिक्योर एक्सेस देता है. भारत के लिए चाबहार बंदरगाह कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है. 5 प्वाइंट्स में भारत के लिए चाबहार पोर्ट की अहमियत समझिए.