What Is a Kangaroo Court: ‘कंगारू कोर्ट’ यह शब्द आपने सामाजिक या राजनीतिक जीवन में जरूर सुना होगा. अक्सर पॉलिटिकल लीडर इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप इसका मतलब समझते हैं. इससे पहले कि हम आपको इसका अर्थ बताएं यह जानना जरूरी है कि आज हम यह चर्चा क्यों कर रहे हैं. दरअसल तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने इस शब्द का प्रयोग किया है. वह इन दिनों ’पैसे लेकर सवाल पूछने’ से जुड़े विवाद में उलझी हुई हैं. 


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टीएमसी सांसद ने इस मुद्दे पर लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन की सिफारिश को ‘एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच’ करार दिया.


'कंगारू अदालत का पहले से फिक्स मैच'
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘यह एक कंगारू अदालत का पहले से फिक्स मैच है जिसमें हैरानी की कोई बात नहीं है. लेकिन देश के लिए बड़ा संदेश यह है कि भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है.’ उन्होंने साफ किया कि सिफारिश को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लिया जाना चाहिए.


कंगारू कोर्ट का अर्थ
अब बात करते हैं ‘कंगारू कोर्ट’ शब्द के अर्थ की. ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी इसे ‘लोगों के एक समूह द्वारा आयोजित एक अनौपचारिक अदालत के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें किसी शख्स को, विशेष रूप से ठोस सबूत के बिना, किसी अपराध या दुष्कर्म का दोषी माना जाता है.’


कम शाब्दिक अर्थ में, इसका उपयोग उन कार्यवाहियों या गतिविधियों के लिए किया जाता है जहां फैसला अनुचित, पक्षपातपूर्ण तरीके से किया जाता है.


कब शुरू हुआ इस शब्द का इस्तेमा और 'कंगारू' ही क्यों?
यह शब्द कब से इस्तेमाल होना शुरू हुआ इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है. लेकिन माना जाता है कि इसका उपयोग 19 शताब्दी से किया जा रहा है.


दूसरा सवाल यह उठता है कि ‘कंगारू’ शब्द क्यों इस्तेमाल किया जाता है. अटकलें लगाई गई हैं कि यह कंगारू की तरह ‘छलांगों से’ आगे बढ़ने वाले न्याय की धारणा से हो सकता है. दूसरे शब्दों में, 'कूदकर' या जानबूझकर सबूतों की अनदेखी करने से इसका मतलब हो सकता है.


एक और संभावना यह है कि यह कंगारू की थैली को संदर्भित कर सकता है, जिसका अर्थ है कि अदालत किसी की जेब में है.