PM Modi Greeted With Bread And Salt: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को रूस के हेरिटेज शहर कजान पहुंचे. कजान एयरपोर्ट पर तातारस्तान गणराज्य के प्रमुख रुस्तम मिन्निखानोव ने गर्मजोशी से पीएम मोदी का स्वागत किया. उनके जबरदस्त स्वागत और भव्य सत्कार के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए.


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कजान में पीएम मोदी के भव्य स्वागत ने दुनिया भर का ध्यान खींचा


पीएम मोदी ब्रिक्स देश के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक के अलावा कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे. इससे पहले उनके भव्य स्वागत ने दुनिया भर का ध्यान खींचा. कजान एयरपोर्ट से होटल कॉर्स्टन तक पीएम मोदी का तमाम तरह से आवभगत किया गया. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी का विदेशी धरती पर अनोखे अंदाज में स्वागत किया गया हो, लेकिन रूस में लोगों ने उनका एक अजीबोगरीब स्वागत-सत्कार भी देखा.



केक, लड्डू, नृत्य, कृष्ण भजन और भारत माता की जय के नारे


पीएम मोदी के रूस में शानदार स्वागत के दौरान केक, लड्डू, नृत्य, कृष्ण भजन और भारत माता की जय के नारे के बीच उन्हें ब्रेड एंड साल्ट (रोटी-नमक) भी पेश किया गया. पीएम मोदी ने उन सबका अभिवादन स्वीकार किया और उन लोगों से बातचीत करने की कोशिश भी की. आइए, जानते हैं कि रूस में मेहमानों का स्वागत रोटी और नमक से क्यों करते हैं?


रूस में सदियों से जारी है रोटी- नमक पेश कर मेहमानों का स्वागत 


रशिया बियॉन्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में रोटी और नमक पेश कर मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करने की एक प्राचीन परंपरा है. सदियों पहले से रूस में रोटी और नमक समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक रहा है. इसलिए प्राचीन समय से ही मेहमानों के आने पर रूसी मेजबान अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनते थे, मेज पर तरह-तरह की डिश परोसते थे और अपने मेहमानों को मसाले के साथ एक या दो रोटी देते थे. क्योंकि स्लाव संस्कृति में रोटी को पवित्र चीज माना जाता है. 


रूस में किसी भी भोजन में रोटी शामिल नहीं होती, फिर भी परंपरा


"रोटी जीवन का आधार है." को रूस में शायद सबसे प्रसिद्ध कहावत माना जाता है. यहां घर में रोटी नहीं होने का मतलब है कि खाने के लिए कुछ नहीं है. जबकि दिलचस्प तथ्य यह है कि रूस में किसी भी भोजन में रोटी शामिल नहीं होती. वहीं, रोटी के साथ दिए जाने वाले नमक की कहानी यह है कि प्राचीन और मध्यकालीन रूस में नमक काफी महंगा प्रोडक्ट था. हर किसी की नमक खाने या रखने की हैसियत नहीं होती थी. 17वीं शताब्दी के मध्य में नमक की बढ़ती कीमत के कारण मास्को में दंगे तक हुए थे. 


साथ में नमक खाया मतलब मिलकर कई मुश्किलों का सामना किया


19वीं शताब्दी के आखिर में नमक टैक्स पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया. उसके बाद ही रूस में नमक सस्ता हो पाया. हालांकि, रूस के लोगों ने पहले की तरह ही विशेष अवसरों पर मेहमानों का स्वागत करने के लिए नमक देने का रिवाज बनाए रखा. रूस में सच्चे दोस्तों के बारे में कहते हैं, "उन्होंने साथ में नमक खाया." इसका मतलब है कि उन्होंने साथ में कई कठिनाइयों का सामना किया. रूस में यह भी मान्यता है कि अगर कोई मेजबान को नाराज करना चाहता था, तो बस नमक को फर्श पर बिखेर देता था.


स्लाव संस्कृति में रोटी-नमक खाने से सुलह, नई दोस्ती की शुरुआत 


स्लाव संस्कृति या रूसी परंपरा के मुताबिक, राष्ट्रीय वेशभूषा में महिलाओं द्वारा एक तौलिया पर एक बड़ी गोल रोटी के ऊपर नमक के साथ मेहमानों का स्वागत किया जाता है. वहीं, मेहमान सावधानी से रोटी का एक टुकड़ा तोड़कर, उसे नमक वाले पानी में डुबाकर खाते हैं. यह संकेत देता है कि दोनों पक्षों के बीच दोस्ती हो गई है. एक पुरानी मान्यता है कि अगर सबसे बुरे दुश्मन भी रोटी और नमक साझा करते हैं, तो वे सुलह कर लेंगे. एक और मान्यता में कहा गया है कि नमक आत्मा की पवित्रता का प्रतीक है. क्योंकि इसकी शेल्फ लाइफ असीमित है.


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रूस के लोग रोटी और नमक पेश कर भगाते हैं मेहमानों की बुरी बला


रोटी और नमक पेश कर रूस के लोग न केवल मेहमानों के लिए धन की कामना करते हैं बल्कि सभी बुरी बलाओं को दूर भगाते हैं. साथ ही यह भी जांचते हैं कि व्यक्ति स्वाभाविक रूप से एक इंसान है, उस पर किसी बुरी आत्मा का असर नहीं है. लेकिन अगर मेहमान ने यह उपहार स्वीकार नहीं किया, तो उसे बुरी नज़र और उसके बुरे विचारों से बचने के लिए घर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था. प्राचीन काल से, रूस में मेहमाननवाज़ मेजबानों को खलेबोसोलनी (रूसी शब्दों खलेब रोटी और सोल नमक) कहा जाता है.


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रूस में लोकप्रिय परंपरा, शादी में पति-पत्नी भी साझा करते हैं रोटी-नमक


रूस में यह परंपरा आज भी लोकप्रिय है. इसे आधिकारिक रिसेप्शन और विदेशी पर्यटकों के लिए तैयार किए गए रेस्तरां में भी देखा जाता है. अक्सर पारंपरिक रूसी शादियों में इसे देख सकते हैं. नवविवाहितों के माता-पिता समारोह के बाद अपने बच्चों का स्वागत रोटी और नमक से करते हैं. पति और पत्नी रोटी का एक टुकड़ा तोड़कर और उसे नमक में डुबाकर एक-दूसरे को खिलाते हैं. यह इस बात का संकेत है कि वे जीवन में किसी भी कठिनाई को साझा करने के लिए तैयार हैं और हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखने का वादा करते हैं.


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