Tejashwi Yadav News: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly Speaker) में गुरुवार 15 फरवरी को राजनीतिक कड़वाहट की जगह पक्ष-विपक्ष की सियासी परिपक्वता दिखी. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव (Nand Kishore Yadav) के निर्विरोध बिहार विधानसभा के स्पीकर चुने जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो और फोटो वायरल हुआ तो पूर्व डिप्टी सीएम के शिष्टाचार की चर्चा और तारीफ होने लगी. 


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नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव स्पीकर नंद किशोर यादव को आसन तक ले गए


सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आगे बढ़कर नंद किशोर का अभिवादन किया. फिर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव विधानसभा में नए स्पीकर नंद किशोर यादव को आसन तक ले गए. आसन पर पहुंचने पर स्पीकर नंद किशोर यादव ने सीएम नीतीश और तेजस्वी से मुखातिब होकर कहा कि क्या अब पकड़कर बैठाइएगा? इस दौरान तीनों नेताओं के चेहरे पर मुस्कुराहट थी. दोनों नेताओं ने स्पीकर से कहा कि यकीन है कि आप सत्ता पक्ष और विपक्ष को सुनेंगे.


इससे पहले विधानसभा सचिवालय में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और नीतीश कुमार भी मुस्कराकर मिले और बातचीत करते दिखे थे, लेकिन सबका ध्यान सदन में सियासी परंपरा निभा रहे तेजस्वी यादव ने खींचा.


तेजस्वी ने बिना कड़वाहट के रखी अपनी बात, विपक्ष की बात सुनने की जताई उम्मीद


इसके पहले तेजस्वी यादव ने बिना किसी कड़वाहट के उम्मीद जताई कि विधानसभा के नए स्पीकर विपक्ष की बात भी सुनेंगे. तेजस्वी ने नंद किशोर यादव से कहा, 'आप बहुत वरिष्ठ नेता हैं और मुझे यकीन है कि आप निष्पक्ष रहकर विपक्ष की बात भी सुनेंगे.'  भाजपा नेता नंद किशोर यादव पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे हैं. तेजस्वी की पार्टी राजद के नेता अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर पद से हटाए जाने के बाद नंद किशोर यादव ने नामांकन दाखिल किया और निर्विरोध चुने गए थे. 


'खेला' होने का अपना दावा नहीं दोहराया, सदन में खामोशी से देखते रहे तेजस्वी यादव


इसके पहले सोमवार को बिहार विधानसभा में एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वास प्रस्ताव के दौरान भाषण देते वक्त भी पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया था. जबकि, सीएम नीतीश कुमार ने अचानक उनका साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. इसके अलावा विश्वास मत के दिन राजद के तीन विधायकों ने पाला बदलकर 'खेला' किया और नीतीश सरकार का साथ दिया. तेजस्वी यादव ने पहले की तरह 'खेला' होने के दावे को नहीं दोहराया.


नीतीश की वापसी का दरवाजा खोले रखा, पिता और भाई की तरह बयानों से किया परहेज


तेजस्वी ने तब भी अपने भाषण में न सिर्फ नीतीश कुमार की वापसी के दरवाजे खोले रखे, बल्कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में भी अपना कद बड़ा कर लिया. तेजस्वी ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव या बड़े भाई तेज प्रताप यादव की तरह नाटकीय बयानबाजी से परहेज करते हुए सियासी दलीलों से नीतीश कुमार को घेरा और भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाने साधे. इसके अलावा उन्होंने महागठबंधन सरकार के दौरान हुई जातिगत जनगणना, आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने और सरकारी नौकरियों का भी जमकर क्रेडिट लिया.