Audi Logo: Audi एक जर्मन ब्रांड है और इसकी कारें दुनियाभर में लोकप्रिय हैं. ऑडी की कारों की पहचान है इसके आगे लगा हुआ चार इंटरलॉक रिंग वाला लोगो, जिसे देसी भाषा में चार छल्ले भी कहा जाता है और ऑडी की कारों को चार छल्ले वाली गाड़ी भी कहते हैं. लग्जरी और पावर के लिए फेमस ऑडी की कारें भारत में भी काफी लोकप्रिय हैं. हालांकि ऑडी की कारों में ये चार छल्ले ही लोगो के तौर पर क्यों लगाए जाते हैं, ये आज भी ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो आज हम इसका जवाब आपके लिए लेकर आए हैं. 


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कब शुरू हुआ ऑडी कारों का प्रोडक्शन 


ऑडी कारों को बनाने की शुरुआत साल 1899 में हुई थी. उस समय, अगस्तस हॉर्च ने एक नई ऑटोमोबाइल कंपनी शुरू की, जिसका नाम था "ऑडिए-G", हॉर्च ने कंपनी की शुरुआत मात्र 15 लोगों के साथ की थी. 1909 में, कंपनी का नाम बदलकर "ऑडी" कर दिया गया. असल में लैटिन भाषा में हॉर्च का मतलब ही ऑडी है.


इन मॉडल्स को किया गया लॉन्च 


1910 में, कंपनी ने अपनी पहली कार ऑडी टाइप A मॉडल किया, इसके बाद कंपनी ने ऑडी टाइप B मॉडल का निर्माण भी इसी साल किया. 1920 के दशक में, ऑडी कंपनी एक सफल ऑटोमोबाइल निर्माता के रूप में उभरी. कंपनी ने कई हाईटेक और पावरफुल कारों को लॉन्च किया, जिनमें ऑडी टाइप K, ऑडी टाइप M और ऑडी टाइप S शामिल हैं.


1932 में, चार अलग-अलग ऑटोमोबाइल कंपनियों ने एक साथ मिलकर ऑडी कंपनी बनाई. इन चार कंपनियों का नाम था:


1. ऑटो यूनिन (Auto Union)
2. ड्यूश ऑटोमोबाइल वर्केन (DKW)
3. होर्च (Horch)
4. वांडरर (Wanderer)


ऑडी के चार छल्लों का अर्थ है:


1. पहला छल्ला ऑटो यूनियन का प्रतिनिधित्व करता है.
2. दूसरा छल्ला DKW का प्रतिनिधित्व करता है.
3. तीसरा छल्ला होर्च का प्रतिनिधित्व करता है.
4. चौथा छल्ला वांडरर का प्रतिनिधित्व करता है.


ऑडी के चार छल्ले दुनियाभर में सबसे अलग पहचान वाले लोगो में से एक हैं. ये छल्ले ऑडी की क्वॉलिटी, सोफेस्टीकेशन और रेनोवेशन का प्रतीक हैं. इन चार कंपनियों ने मिलकर एक नया लोगो बनाया, जिसमें चार छल्ले थे. प्रत्येक छल्ला इन चार कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता था. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ऑडी कंपनी को काफी नुकसान हुआ. युद्ध के बाद, कंपनी ने फिर से उत्पादन शुरू किया और कई नई कारों को लॉन्च किया.


1965 में, ऑडी कंपनी को फोर्ड ने खरीद लिया. फोर्ड के स्वामित्व में, ऑडी कंपनी ने कई नई और सफल कारों को लॉन्च किया, जिनमें ऑडी 80, ऑडी 100 और ऑडी 200 शामिल हैं. 1993 में, फोर्ड ने ऑडी कंपनी को वोक्सवैगन को बेच दिया. वोक्सवैगन के स्वामित्व में, ऑडी कंपनी ने अपनी सफलता जारी रखी और आज यह दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है. ऑडी कारों के बनने की शुरुआत एक छोटे से एंटरप्राइज के रूप में हुई थी. आज, ऑडी कंपनी एक वैश्विक ऑटोमोबाइल ब्रांड है जो दुनिया भर में लाखों कारों का उत्पादन करती है. भारत में भी ऑडी कारों को काफी पसंद किया जाता है और इन्होने अपनी लग्जरी और पावर से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है.