बजट में हुआ ऐसा ऐलान कि बढ़ गई चीन की बेचैनी, ड्रैगन की हेकड़ी पर लगेगी लगाम, नंबर 1 बनेगा हिन्दुस्तान !
Budget 2024: सरकार के इस फैसले को स्ट्रैटिजिक तौर पर बड़ा कदम माना जा रहा है. ये फैसला विदेशी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करेगा. वहीं भारत को चीन का विकल्प बनने में मदद करेगा. विदेशी कंपनियों के सामने चीन प्लस 1 का ऑप्शन मिल सकेगा.
Budget 2024: मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है. बजट 2024 के ऐलान को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो चुका है. वहीं मोदी सरकार ने बजट में एक ऐसा फैसला किया, जो चीन के होश उड़ाने वाला है. मोदी सरकार के इस ऐलान से चीन को बड़ा झटका देने वाला है. सरकार के इस फैसले से दुनियाभर के कंपनियों के लिए भारत चीन का बड़ा विकल्प बनकर उभरेगा. दरअसल सरकार ने बजट में विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को कम करने का प्रस्ताव रखा है. अब समझते हैं कि बजट में हुए इस ऐलान से चीन को कैसे झटका लगेगा ? ये दुख काहे खत्म नहीं होता! मिडिल क्लास को फिर झुनझुना थमा गईं वित्त मंत्री जी...राहत तो दूर बजट ने बढ़ा दिया बोझ
बजट में हुए ऐलान से चीन को झटका
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट घोषणा कर दी है. बजट में सरकार ने विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को कम करने का प्रस्ताव रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि देश की जरुरत के हिसाब से विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स को 40 फीसदी से घटाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा जाता है. सरकार के इस फैसले को स्ट्रैटिजिक तौर पर बड़ा कदम माना जा रहा है. ये फैसला विदेशी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करेगा. वहीं भारत को चीन का विकल्प बनने में मदद करेगा. विदेशी कंपनियों के सामने चीन प्लस 1 का ऑप्शन मिल सकेगा. पुराने वाले मुंह ताकते रह गए, नए वालों पर बरसी वित्त मंत्री की 'कृपा',जानिए ओल्ड या न्यू, अब कौन का TAX रिजीम आपके लिए फायदेमंद
बजट के इस ऐलान से चीन क्यों परेशान
बजट में विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स में कमी के प्रस्ताव से चीन की बेचैनी बढ़ सकती है. विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स कम करने के फैसले से कंपनियों को भारत में पैसा लगाने में मदद मिलेगी. विदेशी कंपनियां भारत में निवेश बढ़ा सकेंगी. उन कंपनियों के सामने भारत चीन के विकल्प के तौर पर उभर सकेगा. दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के लिए भारत एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभर रहा है. चीन की इकॉनमी की खस्ताहालत देख पहले से ही विदेशी कंपनियां घबराई हुई है. चीन की अर्थव्यवस्था कोविड के बाद से कई चुनौतियों से जूझ रही है, वहीं कारोबार में चीनी सरकार की दखलअंदाजी ने कंपनियां परेशान रहती हैं. ऐसे में भारत सरकार के इस फैसले से चीन के विदेशी निवेश को और चुनौती मिलेगी, बजट में किए गए इस फैसले से विदेशी कंपनियों को रिझाने में भारत सफल हो सकेगा. भारत में विदेशी निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी. बजट के इस फैसले से ग्लोबल सप्लाई चेन चीन से शिफ्ट होकर भारत से जुड़ सकेंगे. चीन को इसी खतरे की आशंका हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो चीन की इकॉनमी को और झटका लगेगा.
भारत को तीसरी इकॉनमी बनाने में मिलेगी मदद
सरकार ने इस ऐलान से भारत को तीसरी इकॉनमी बनाने की दिशा में कदम बढाया है. बजट के इस फैसले से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के टारगेट को हासिल करने में काफी मदद मिलेगी. विदेशी कंपनियों के लिए टैक्स कटौती के इस फैसले से निवेश बढ़ेगा, भारत ग्लोबल इकोनॉमिक प्लेयर बनने की दिशा में तेजी से बढ़ सकेगा. एफडीआई को आकर्षित करने के लिए सरकार के इस ऐलान से भारत खुद को चीन के विक्लप के तौर पर विदेशी कंपनियों के सामने प्रस्तुत कर रहा है. विदेशी कंपनियों पर टैक्स में कमी के साथ एफडीआई के ज्यादा आने की उम्मीद है.
क्या है सरकार की मंशा
सरकार का लक्ष्य अगले सात सालों में सालाना 110 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित करना है. बजट में अधिक विदेशी धन आकर्षित करने, प्राथमिकता तय करने और विदेशी निवेश के लिए करेंसी के रूप में भारतीय रुपए का उपयोग करने के लिए नियमों को आसान बनाने की दिशा में प्रयास किया गया है. सरकार की मंशा भारत को मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की है, ताकि देश की तीसरी इकॉनमी बनाने की दिशा में कदम तेजी से बढ़ाया जा सके. बीते सालों में एपल और फॉक्सकॉन से लेकर विनफास्ट और स्टेलेंटिस जैसी बड़ी विदेशी कंपनियां भारत आई हैं, वहीं टेस्ला और दुनिया की बाकी बड़ी कंपनियों को भी रिझाने के लिए सरकार ने बजट में ये ऐलान किए हैं.