Israeli PM Benjamin Netanyahu fires defence minister: मिडिल ईस्ट में चल रही जंग के बीच इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने अपने रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त कर दिया है. हमास हमले के बाद पूरी दुनिया में पीएम नेतन्याहू के बाद इजरायल की तरफ से लोगों ने गैलेंट का नाम सुना होगा. लेकिन आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि नेतन्याहू को गैलेंट को बर्खास्त करना पड़ा. जानें इसके पीछे की वजह.


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बेंजामिन नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को किया बर्खास्त
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त कर दिया. नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा गया कि नेतन्याहू ने विदेश मंत्री इजरायल कैट्ज को गैलेंट का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है, जो उनके करीबी सहयोगी हैं. वहीं गिदोन सार नए विदेश मंत्री बन गए हैं.


नेतन्याहू किस बात से थे नाराज?
पिछले 13 महीने से गैलेंट और नेतन्याहू दोनों ही आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन चला रहे थे. तभी से दोनों के बीच तकरार की खबरें बीच-बीच में सामने आ रही थी. अलजजीरा में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री जल्द या बाद में उन्हें बर्खास्त कर देंगे.


लेकिन सबसे आश्चर्यजनक यह रहा कि जब अमेरिका अपने चुनाव में व्यस्त है तभी पीएम नेतन्याहू ने अपने रक्षामंत्री गैलेंट को बर्खास्त कर दिया. गैलेंट जो 35 साल के सैन्य करियर के दौरान जनरल के पद तक पहुंचे. हमास से जंग से पहले वह पिछले साल वाशिंगटन के लिए एक प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका में थे. यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब गाजा और लेबनान में इजरायल अपने अभियान को बहुत तेजी से चला रहा है. गाजा में तो हमास को लगभग खत्म कर दिया है. ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ तो इजरायल ने बहुत ही आक्रामक अभियान चला रखा है. दोनों समूहों के शीर्ष कमांडरों को मारने के बाद जंग अब नए चरण में पहुंच गई है. लेकिन इसी बीच गैलेंट को नेतन्याहू बर्खास्त कर देते हैं.


प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा देश के रक्षा मंत्री योव गैलेंट को निकालने के बाद इजरायल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. अब जानते हैं कि आखिर क्यों आई ये नौबत?


दोनों के बीच खत्म हो गया था भरोसा
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच "विश्वास का संकट" उनके फैसले का कारण बना, यह कहते हुए कि गैलेंट में उनका विश्वास हाल के महीनों में "मिट गया" था और विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज उन्हें बदलने के लिए कदम उठाएंगे. इस खबर के बाद गैलेंट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया और लिखा "इज़राइल राज्य की सुरक्षा थी और हमेशा मेरे जीवन का मिशन बनी रहेगी".


नेतन्याहू और गैलेंट का लंबे समय से आपस में विरोध रहा. इसके बाद भी जंग के 13 महीनों तक गैलेंट अपने पद पर बने रहे.


रक्षा मंत्री की कौन सी थी मांग जो नेतन्याहू नहीं मान रहे थे?
पूर्व रक्षा मंत्री गैलेंट चाहते थे हमास के साथ पहले बंधकों को रिलीज कराने के लिए बात करनी चाहिए थी, नेतन्याहू इसके खिलाफ थे, वह जंग नहीं रोकना चाहते थे. पूर्व रक्षा मंत्री इजरायल के अल्ट्रा रूढ़िवादी नागरिकों को सेना में सेवा करने से मुक्त होने की अनुमति देने के लिए जारी रखने की योजना पर भी नाखुश रहे हैं.


अक्टूबर 2023 में गाजा में युद्ध शुरू होने से महीनों पहले ही नेतन्याहू गैलेंट को पद से हटा देते, जब इजरायल में सार्वजनिक आक्रोश के बाद उनके राजनीतिक मतभेदों के बारें में सभी को पता चल गया था, लेकिन उस समय देश के हालात बहुत अलग थे. लेकिन मंगलवार को नेतन्याहू ने कहा, 'युद्ध के बीच, पहले से कहीं अधिक, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के बीच पूर्ण विश्वास की आवश्यकता है'. उन्होंने कहा कि हालांकि युद्ध के पहले महीनों में विश्वास का गुबार फट गया था, जंग के दौरान ही ही दोनों के बीच लगातार मतभेद उपजे. और सरकार के विरोध में जाकर भी काम किया. नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अंतराल को पाटने की कोशिश की थी लेकिन वे "बढ़ते चले गए" और सार्वजनिक हो गए. "इससे भी बदतर, उन्हें दुश्मन के बारे में पता चल गया और हमारे दुश्मनों ने इसका फायदा लिया और इससे बहुत लाभ उठाया."


गैलेंट भी कई मुद्दों पर थे असहमति
वहीं गैलेंट ने बाद में मंगलवार रात एक पूर्ण बयान जारी किया जिसमें कहा गया था कि कार्यालय से हटाना "तीन मुद्दों पर असहमति का परिणाम" था. उनका मानना ​​था कि सैन्य सेवा के लिए कोई अपवाद नहीं होना चाहिए कि सबक सीखने के लिए एक राष्ट्रीय जांच की आवश्यकता थी, और बंधकों को जल्द से जल्द वापस लाया जाना चाहिए. बंधकों के संदर्भ में उन्होंने कहा: "मैं निर्धारित करता हूं कि इस लक्ष्य को प्राप्त करना संभव है. इसके लिए दर्दनाक रियायतों की आवश्यकता होती है, जिसे इज़राइल राज्य ले जा सकता है और आईडीएफ सहन कर सकता है."


गैलेंट का निष्कासन 48 घंटों में लागू होगा
गैलेंट का निष्कासन 48 घंटों में लागू होगा. नए मंत्रियों की नियुक्ति के लिए सरकार और फिर केसेट की मंजूरी की आवश्यकता है. नेतन्याहू ने पहली बार मार्च 2023 में न्याय प्रणाली को खत्म करने के लिए विवादास्पद योजनाओं पर अपनी असहमति के बाद गैलेंट को निकाल दिया था. लेकिन उन्हें इजराइल में कई शहरों में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के बाद बर्खास्त करने के परिणाम को बदलने पर मजबूर कर‌ दिया गया था.  इस साल मई में गैलेंट ने गाजा के लिए युद्ध के बाद की योजना के सवाल को संबोधित करने में सरकार की विफलता पर खुली निराशा व्यक्त की थी. गैलेंट ने नेतन्याहू को सार्वजनिक रूप से घोषित करना चाहा था कि इजरायल के पास गाजा में नागरिक और सैन्य शासन लेने की कोई योजना नहीं है.


नेतन्याहू का शुरू हुआ विरोध
मंगलवार रात को गैलेंट के हटाने का जवाब देते हुए, इज़राइल के राजनीतिक विपक्षी दलों के सदस्यों ने जनता से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. अपने 7 अक्टूबर के हमले में हमास द्वारा बंधक बनाकर लोगों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने भी नेतन्याहू को गैलेंट को बर्खास्त करने की निंदा की.


बर्खास्त के पीछे कही ये तो वजह नहीं?
बर्खास्‍त के पीछे एक और कहानी सामने आ रही है कि जब अमेकिरा चुनाव में व्यस्त है तो नेतन्याहू ने गैलेंट की बर्खास्त कर देते हैं. उसकी वजह यह भी है कि गलेंट का रिश्ता अमेरिका से बहुत बढ़िया है. तो अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि नेतन्याहू को इस बात की चिंता तो नहीं थी कि गैलेंट अमेरिका की बात अधिक मानते हैं. वैसे व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रतिनिधि ने मंगलवार को कहा है: "मंत्री गैलेंट इजरायल की रक्षा से संबंधित सभी मामलों पर एक महत्वपूर्ण भागीदार रहे हैं. करीबी भागीदारों के रूप में हम इजरायल के अगले रक्षा मंत्री के साथ सहयोग से काम करना जारी रखेंगे." उधर पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिया कि गैलेंट का निष्कासन भी ऐसे समय में आता है जहां नेतन्याहू दूर-दराज़ राजनीतिक रूप से दबाव में है. अब देखना होगा कि इजरायल क्या करता है.