Diwali ka Prasad: दिवाली का उत्सव खुशियों का उत्सव है. दिवाली के दिन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर वापस अयोध्या लौटे थे. रावण जैसे राक्षस का वध कर अयोध्या लौटने का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. इसी वजह से इस दिन घर-घर दिये जलाए जाते हैं और भगवान राम की पूजा की जाती है. राम की पूजा करना हो तो उनका प्रिय भोजन बनाकर भोग चढ़ा सकते हैं और फिर प्रसाद के तौर पर पूरा परिवार खा सकता है. आइए जानते हैं राम के प्रिय भोजन कौन से हैं. 


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भगवान राम का भोग


पूरे भारतवर्ष  में भगवान राम को आमतौर पर खीर का भोग लगाया जाता है. खीर को दूध में चावल मिलाकर बनाया जाता है. खीर सभी देवताओं को प्रिय है. साबूदाना या फिर मखानों के साथ मिलाकर भगवान राम को भोग लगा सकते हैं. खीर के अलावा हलवा का भोग भी लगाया जाता है. 


दक्षिण भारत में भोग


दक्षिण भारत में भगवान राम को कोसंबरी और पनकम चढ़ाया जाता है. ये भोग मुख्य तौर पर राम नवमी के दिन बनाया जाता है और हर जगह प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.  कोसंबरी खाने में बड़ा स्वादिष्ट लगता है, जबकि पनकम एक पेय (drink) है. गर्मी में ये शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं. 


आंध्रप्रदेश 


आंध्रप्रदेश में पारंपरिक रूप से भगवान राम को चालिमिडी का भोग लगाया जाता है. चालिमिडी बड़ा स्वादिष्ट होता है. राम को भोग लगाने के बाद चालिमिडी को प्रसाद और मिठाई के तौर पर खा सकते हैं. चालिमिडी एक तरह के लड्डू होते हैं, जो चावल, नारियल, घी, गुड़ और इलायची से बनाए जाते हैं. 


तमिलनाडु


नीर मोर एक छाछ की तरह होता है. तमिलनाडु में भगवान राम को प्रसाद के रूप में नीर मोर का भोग लगाया जाता है. दही में ठंडा पानी, हरी मिर्च, अदरक, जीरा पाउडर, काला नमक, हींग, काला नमक और चाट मसाला मिलाकर नीर मोर बनाया जाता है. स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें करी पत्ते और पुदीना भी डाल सकते हैं. 


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