Diwali Special Sweets : एक गुलाब जामुन और उसके कई रंग, कई रूप. आम तौर पर शीरे में डूबा हुआ गहरे भूरे रंग की इस मिठाई के शैदाई कम नहीं हैं पर चाहने वालों को भी गुलाब जामुन के अलग-अलग रूप पसंद हैं. किसी को काला जाम पसंद है तो किसी को हलकी लालिमा लिया हुए लाल मोहन उर्फ़ गुलाब जामुन। लाल मोहन हलके गुलाबी भूरे गुलाब जामुन का पूर्वांचली नाम है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रंग ही नहीं आकार के हिसाब से भी गुलाब जामुन के कई प्रकार देखने को मिलते हैं. कई जगह आपको अंगूर के शेप के अंगूरी गुलाब जामुन मिल जाएंगे तो कई लोग लम्बे साइज वाले गुलाब जामुन को पसंद करते हैं. 


क्या होता है काला जाम 
अक्सर काला मोहन कहे जाने वाले इस गुलाब जामुन (Types of Gulab Jamun) को खांटी मिठाई शौकीन खूब पसंद करते हैं. काला गुलाब जामुन दरअसल खोए को अधिक समय तक पकाकर तैयार किया जाता है. इसमें ऊपरी शेल गुलाब जामुन की तुलना में हल्का मोटा होता है. हालांकि दोनों ही मिठाइयों को बनाने की अन्य प्रक्रिया एक जैसी ही है.


इस मुगल बादशाह की शाही रसोई में तैयार हुआ था गुलाब जामुन 
गुलाब जामुन की नजदीकी रिश्तेदार को लुकमत अल कादि कहा जाता है. इस ईरानी मिठाई को सबसे पहले मध्यकाल में बनाया गया था. माना जाता है कि यह मुगलों के साथ ईरान से भारत आई. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि मुगल बादशाह शाहजहां के  शाही खानसामें ने गलती से खोए के गोले को तेल में गिरा दिया था और जब उसे झटपट निकाल कर शीरे में रखा गया तो जिस मिठाई का इजाद हुआ (Gula Jamun Recipe), वह गुलाब जामुन कहलाया. 


कुछ इतिहासकारों का मत है कि इसे पहले पहल 1850 के आस-पास मध्यप्रदेश के जबलपुर में बनाया गया था. बनाने वाले कारीगर का नाम भीम चंद्र नाग था और उन्होंने इसे लेडी कैनिंग के आगमन पर बनाया था.