जानें खाने में तड़का लगाना क्यों जरूरी? स्वाद के साथ सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे
तड़के के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें अलग-अलग गुण होते हैं और इसका फायदा आपको मिलता है. कई बार अलग-अलग दाल में अलग-अलग तरीके से छौंक लगाई जाती है, इसके पीछे भी वजह है.
नई दिल्ली: तड़के वाली दाल ज्यादातर लोगों को पसंद आती है. दाल, रायता, सांभर या कढ़ी जैसी चीजों में अलग-अलग मसालों से तड़का दिया जाता है और कई लोगों को तो इसके बिना खाना अधूरा सा लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छौंक या तड़का सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं लगाया जाता, बल्कि इसके कई फायदे भी हैं.
दरअसल, तड़के के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें अलग अलग गुण होते हैं और इसका फायदा आपको मिलता है. कई बार अलग-अलग दाल में अलग-अलग तरीके से छौंक लगाई जाती है, इसके पीछे भी वजह है.
हींग का तड़का
अरहर की दाल में लगने वाला तड़का अगर लहसुन और अदरक के साथ लगाया जाए तो दाल पेट को नुकसान नहीं करती. अरहर की दाल में घी का छौंक लगाने से इसकी तासीर ठंडी हो जाती है. वहीं उड़द दाल में सरसों के तेल का छौंक अदरक-लहसुन के साथ लगाने से दाल का बादी पन कम होता है.
अरहर की दाल खाने के बाद अगर आपका पेट फूल जाता है तो हींग का तड़का लगाने से ये दिक्कत नहीं होगी.
खाने का न्यूट्रिशन बढ़ता है
दाल में तड़का लगाने के लिए अगर लहसुन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे इम्युनिटी बढ़ती है. लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इंफेक्शन, सर्दी, खांसी और सिर दर्द जैसी परेशानियों को दूर करते हैं.
जब हम हींग, जीरा या लहसुन को तड़के के रूप में डालते हैं तो स्वाद के साथ खाने के न्यूट्रिशनल वैल्यू को बढ़ा देता है. कई सॉल्युबल विटामिन्स लिए को एब्जॉर्व करने के लिए फैट जरूरी होता है. जब हम घी या तेल से तड़का लगाते हैं तो खाने का न्यूट्रिशन बढ़ता है.
डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए
तड़के में सरसों, जीरा, हींग, मेथी, जीरा या करी पत्ता ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है. इन सबके अलग-अलग फायदे हैं. जीरे का तड़का एसिडिटी और डायरिया से बचाता है. यह डाइजेस्टिव सिस्टम को भी ठीक रखता है.
जीरा के तड़के से पाचन क्रिया सही रहती है. इससे पेट फूलना, डायरिया, एसिडिटी और अपच जैसी दिक्कतें नहीं होतीं.
कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है
तड़के में करी पत्ते का इस्तेमाल करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है. इससे पाचन सही रहता है और डायबिटीज का खतरा भी कम होता है. करी पत्ते में फाइबर, कार्ब्स, विटामिन ई, बी, ए, सी, आयरन, फॉस्फोरस और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है.
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मांसपेशियों का दर्द दूर होता है
राई के दानों से दाल में तड़का लगाने से मांसपेशियों का दर्द दूर होता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है. दाल में हींग का तड़का इसके टेस्ट को बढ़ा देता है. जब हम खाने में हल्दी, काली मिर्च, हींग या लहसुन जैसी चीजें डालते हैं तो ज्यादा तापमान पर देर तक पकने की वजह से इनके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, लेकिन तड़के के साथ ऐसा नहीं होता.