Right Way Of Preparing Kheer: शरद पूर्णिमा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है. हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा मानते हैं इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारास रचाया था. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा के नीचे खीर रखने की मान्यता है.


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होती है अमृत वर्षा
शरद पूर्णिमा की रात में ऐसा मानते हैं चंद्रमा से अमृत वर्षा होती है इसलिए चांद के नीचे खीर रखने का विधान है. इस खीर को प्रसाद के रूप में खाना चाहिए. इसको इसको ग्रहण करने से जीवन में धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों में वृद्धि होती है.


ऐसे बनाएं शरद पूर्णिमा की खीर
खीर बनाने के लिए गाय का दूध यूज करें. इसके अलावा इसमें गाय के दूध से बना घी और चीनी इस्तेमाल करें. खीर बन कर तैयार हो जाए तो इसे मिट्टी, चांदी या फिर कांच के बर्तन में खाली कर लें. उसके बाद इसे चांद की रोशनी में ले जाकर रख दें. खाली पेट सूरज निकलने से पहले खीर को ग्रहण कर लें.


इस दिन है शरद पूर्णिमा
इस साल शरद पूर्णिमा का विधान 9 अक्टूबर यानी रविवार तड़के 3: 41 से शुरू होगा और मध्‍यरात्रि के बाद सुबह 2:00 बज कर 25 मिनट पर खत्म होगा. 9 तारीख की रात में ही चंद्रमा के नीचे खीर को रखा जाएगा.


धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
इस रात मां लक्ष्मी के आगे घी का दिया जलाएं. इसके बाद उन्हें गुलाब से बनी माला चढ़ाएं. महालक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और गुलाब का इत्र अर्पित करें. इस उपाय को करने से आपको जीवन में धन की प्राप्ति होगी और आपकी किस्मत खुल जाएगी.


इसलिए रखा जाता है खीर को चांद के नीचे
शरद पूर्णिमा को चंद्रमा के नीचे खीर रखने का एक वैज्ञानिक कारण है. शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा धरती के बहुत पास होता है जिसके कारण चांद से निकलने वाली तरंगों में मौजूद रसायनिक तत्व सीधे धरती पर आकर गिरते हैं. रसायनिक तत्वों में पोषक तत्व मिले होते हैं जो खीर में सीधा जाकर मिल जाते हैं, इसलिए खीर को ग्रहण करना इतना शुभ माना जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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