Sim Verification: फर्जी सिम कार्ड की बढ़ती बिक्री को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने सिम कार्ड का गलत कामों में इस्तेमाल रोकने के लिए दूकानदारों के लिए सख्त नियम तैयार किए हैं जो 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएंगे. इस नियम के लागू होने के बाद अब सिम कार्ड खरीदने और इसे बेचने के लिए अलग प्रोसेस फॉलो किया जाएगा जिसका मकसद फर्जी सिम कार्ड पर लगाम लगाना है. दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस मामले पर दो सर्कुलर जारी किए हैं. 


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दुकानदारों पर होगी सख्ती 


पहले सिम कार्ड दूकानदारों पर सरकार सख्ती नहीं करती थी लेकिन मामले को कंट्रोल में रखने के लिए अब ऐसा किया जाएगा. ऐसे में अब सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदारों को पहले से और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी. अगर सिम कार्ड बिक्री में कोई भी दुकानदार गड़बड़ करते हुए पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाएगी. जानकारी के अनुसार सिम कार्ड की दूकान में काम करने वाले लोगों के बैकग्राउंड की जांच होनी चाहिए और ऐसा ना किए जाने पर दूकान पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है. 


पहले जमकर बेचे जाते थे फर्जी सिम कार्ड 


आज से कुछ साल पहले तक तो हालात काफी ज्यादा बुरे थे लेकिन आजकल हालात पहले से बेहतर हुए हैं. इसके बावजूद भी अभी फर्जी सिम कार्ड पर पूरी तरह से रोक नहीं लग सकी है. हालांकि नया नियम लागू होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सिम कार्ड खरीदना और बेचना अब काफी हद तक बदल जाएगा. दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर के पहले अपने सभी बिक्री केंद्रों (POS) का रजिस्ट्रेशन कराना है.


क्या है नियम 


दरअसल इस नए नियम के अनुसार टेलीकॉम कंपनियां सिम कार्ड बेचने वाली दुकानों की जांच करेंगी जिसमें दूकान का पूरा इतिहास खंगाला जाएगा, इतना ही नहीं दूकान में काम करने वाले लोगों की भी जांच होगी और इसकी जानकारी दूकानदार को कंपनी तक पहुंचानी होगी. अगर ये जांच ठीक रहती है तभी इस प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाएगा नहीं तो कंपनी दूकानदार को सिम कार्ड नहीं प्रोवाइड करेगी. DoT के अनुसार असम, कश्मीर और उत्तर पूर्व समेत कुछ इलाकों में टेलीकॉम ऑपरेटर को सबसे पहले दुकानों का वेरिफिकेशन करना होगा. इसके बाद ही सिम बेंचने की परमिशन दी जाएगी.