Inverter Battery Water Filling: इन्वर्टर का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है कि आखिर कब बैटरी का पानी बदला जाना चाहिए. दरअसल इन्वर्टर की बैटरी में अगर सही समय पर पानी ना बदला जाए तो ये बैटरी की लाइफ कम कर सकता है, साथ ही साथ इसकी वजह से बैटरी को और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है. ऐसा ना हो इस बात का ख्याल रखते हुए आज हम सभी यूजर्स को इसका सही तरीका बताने जा रहे हैं जिससे आप अपने इन्वर्टर की बैटरी का इस्तेमाल लंबे समय तक कर सकें और बीच में इसमें किसी भी तरह की खराबी भी ना आए.


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इन्वर्टर की बैटरी में वॉटर रीफिलिंग में ग्राहकों का 150 से 200 रुपये का खर्च आता है, ऐसा इसलि है क्योंकि बैटरी में सिर्फ डिस्टिल्ड वॉटर ही भरा जाता है जो बैटरी के अंदर जाकर किसी भी तरह का रिएक्शन नहीं करता है. इस पानी को कब बदला जाना चाहिए और कैसे बदला जाना चाहिए इस बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. 


कितने दिनों पर बदलाना चाहिए बैटरी का पानी 


इन्वर्टर की बैटरी का पानी नियमित अंतरालों पर बदलने की जरूरत होती है ताकि बैटरी की बेहतरीन तरह से काम करती रहे साथ ही उसकी लाइफ भी बनी रहे. बैटरी का पानी बदलने में कितने समय का गैप होना चाहिए ये बैटरी के प्रकार, आपके उपयोग की तरीका और आपके उपयोग क्षेत्र के आधार पर अलग हो सकता है.


आमतौर पर, इन्वर्टर में लेड-एसिड बैटरी में 3 से 6 महीने के बीच में वॉटर रिफलिंग की सलाह दी जाती है. लेकिन यह सलाह भी बैटरी के निर्माता द्वारा प्रदान की गए निर्देशों का पालन करने पर आधारित होनी चाहिए. 


आपके इन्वर्टर के निर्माता द्वारा प्रदान किए गए निर्देशों का पालन करना सबसे अच्छा होता है. ये निर्देश आपको बैटरी के पानी को कब और कैसे बदलना चाहिए, इसकी जानकारी प्रदान करता है. 


बैटरी की देखभाल और पानी के बदलने की सलाह को ध्यान में रखकर आप बैटरी की उम्र और इसके काम करने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं और इससे इन्वर्टर को ठीक से काम करने में मदद मिल सकती है.