Viral News: पलवल के गांव पातली कला के किसान रणवीर सिंह किसानों के लिए एक मिसाल बन रहें है. अपने खेतों में पिछले 35 सालों से फूलों की खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहें हैं. बागवानी विभाग हरियाणा द्वारा पलवल जिले में 100 हेक्टेयर भूमि में फूलों की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सरकार द्वारा फूलों की खेती करने के लिए किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है, जिसके चलते पलवल जिले में किसानों का रुझान फूलों की खेती करने के लिए बढ़ गया है. किसान रणवीर सिंह का कहना है कि वह अपने आप अपनी खेती की देखरेख करते हैं और जापान से बीज मंगवाकर फूलों की पौध तैयार करते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खेतों में फूल उगाकर कमा रहे किसान


किसान का कहना है कि जब दूसरे किसान फूलों की खेती करने लगेंगे तो वह दूसरी किसी फसल की खेती नहीं करेंगे. उन्होंने बताया कि वह गुलदाबरी, ब्लुडेजी, कैल, ग्लैड, रजनीगंधा, ब्राजीका, स्टॉक आदि फूलों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें जहां एक तरफ इस खेती से कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा भी समय-समय पर अनुदान मिलता है. किसान रणबीर सिंह ने कहा कि करीब 35 वर्ष पहले वो भी सभी किसानों की तरह परम्परागत खेती करते थे. मेहनत और लागत ज्यादा आती थी. मुनाफा न के बराबर था लेकिन अब उन्हें कम मेहनत और लागत में अच्छा मुनाफा मिल रहा है.


दिल्ली के फूलमंडी में खुद बेचते हैं फूल


रणवीर ने कहा कि वह अपनी फसल को दिल्ली के गाजीपुर में फूलों की मंडी में खुद बेचते हैं. वहां उन्हें और अच्छा मुनाफा मिलता है. किसान रणवीर सिंह ने बताया कि वह 6 एकड़ में फूलों की खेती कर रहे हैं. अक्टूबर से लेकर मई तक केवल फूलों की खेती करते हैं. किसान रणवीर सिंह ने बताया कि वह जापान से फूलों की पौध मंगाते हैं. नेट के अंदर ड्रिप बनाकर फूलों कि पौध को लगाया जाता है. खेत में क्यारी बनाकर फूलों की पौध की जाती है. क्यारी की लंबाई 15 फुट होती है. फूलों में पानी कि मात्रा कम दी जाती है. नेट हाउस के अंदर बनी क्यारी में ड्रिप लगाई जाती है ताकि बूंद-बूंद करके फूलों पानी जाता रहे. 


हर साल की कमाई है इतनी


रणवीर सिंह फूलों की पौध लगाते हैं. फूलों के लिए तैयार करते हैं बाकि सारा परिवार फूलों को तोड़कर पैकिंग कर दिल्ली के बाजारों में बेचने का काम करते हैं. किसान रणवीर सिंह ने बताया कि यही उनकी आजीविका का साधन है, जिससे वह सालाना 30 लाख रुपये तक मुनाफा कमा लेते हैं. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान परम्परागत खेती छोड़कर फूलों की खेती करे, ताकि कम मेहनत में ज्यादा मुनाफे से उनकी आर्थिक स्तिथि मजबूत हो सके.