Suraj Tiwari UPSC Success Story: "जीवन 10% इस बात पर निर्भर करता है कि आपके साथ क्या होता है और 90% इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं", यह एक काफी प्रसिद्ध कोट है, जिसे सूरज तिवारी ने बखूबी साबित कर दिखाया है. दरअसल, सूरज तिवारी ने एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों पैर और दाहिना हाथ गंवा दिया था, लेकिन उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने में अपनी दिव्यांगता को बाधा नहीं बनने दिया.


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ट्रेन दुर्घटना में गंवाए शरीर के अंग
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के निवासी सूरज तिवारी ने 2017 में गाजियाबाद में चलती ट्रेन से गिरने के बाद अपने दोनों पैर और दाहिना हाथ और बाएं हाथ की दो उंगलियां गंवा दी थी. बता दें कि ट्रेन दुर्घटना के बाद जहां सूरज का एम्स में इलाज चल रहा था, वहीं उनके भाई की कथित तौर पर मई 2017 में आत्महत्या से मृत्यु हो गई. इसके बावजूद, 29 वर्षीय सूरज, जो रूसी भाषा में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से MA कर रहे थे, उन्होंने इतनी कठिनाईयों के बाद भी अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली और ऑल इंडिया 917वीं रैंक हासिल की.


'सफल होने के लिए उनकी तीन उंगलियां ही काफी हैं': सूरज के पिता
सूरज की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उनके पिता रमेश तिवारी ने कहा कि उनके बेटे ने उन्हें गौरवान्वित किया है और 'सफल होने के लिए उसकी तीन उंगलियां ही काफी हैं.' यूपीएससी सीएसई 2022 पास करने के बाद सूरज के पिता ने कहा, "मेरे बेटे ने मुझे गौरवान्वित किया है. वह बहुत बहादुर है. उसकी तीन उंगलियां सफल होने के लिए काफी हैं."


उसने कभी हार नहीं मानी': सूरज की मां
सूरज की मां ने कहा कि उनका बेटा 'बहुत बहादुर' है और उसने अपने जीवन में सफल होने के लिए बहुत मेहनत की है. उनकी मां कहती हैं, "सूरज ने कभी हार नहीं मानी और अपने जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की. वह हमेशा अपने छोटे भाई-बहनों को कड़ी मेहनत करने के लिए कहता है."