Facts On World Homoeopathy Day: हर साल 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. यह दिन डॉ क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हैनीमेन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है. हैनीमेन पेरिस में साल 1755 में पैदा हुए थे, उन्होंने ही होम्योपैथी की शाखा की स्थापना की थी. दरअसल, मेडिकल में होम्योपैथी इलाज को लेकर कई तरह के मिथ लोगों के मन में हैं, जिन्हें मिटाकर इसके योगदान के बारे में लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से ये दिन हर साल मनाया जाता है. 


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अगर देखा जाए तो, उपचार के लिए होम्योपैथी इलाज काफी सस्ता होता है. आपको बता दें, कि होम्योपैथी शरीर के किसी एक हिस्से का इलाज नहीं, बल्कि पूरे शरीर का इलाज करता है. लेकिन होम्योपैथी को लेकर लोगों के मन में कई तरह की गलत धारणाएं हैं. यही कारण है कि होम्योपैथी को उतना महत्व नहीं दिया जाता है. तो चलिए आज हम जानेंगे कि वो कौन सी भ्रांतियां हैं और उनके पीछे का सच क्या है...


क्या है होम्योपैथी से जुड़े मिथ और सच-


1. होम्योपैथी का कोर्स- 
किसी भी बीमारी के इलाज के लिए दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है. यही बात होम्योपैथी में भी लागू होती है. हर दवा अपने तरीके से काम करती है. दवाओं के कोर्स का टाइम भी बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है.


2. होमियोपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट्स- 
होम्योपैथिक उपचारों के दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं क्योंकि वे प्राकृतिक, सुरक्षित और रसायनों, एडिटिव्स या स्टेरॉयड से फ्री हैं. एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार है. इसमें किसी भी प्रकार के ड्रग रिएक्शन नहीं पाए गए हैं. होम्योपैथी मोटापे, एलर्जी, बालों के झड़ने, चिंता, अवसाद, गठिया, मधुमेह, पुराने दर्द और दर्द सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए सुरक्षित माना गया है. 


3. होम्योपैथी और एलोपैथी दवाओं का एक साथ सेवन-
ऐसा बिल्कुल नहीं है. होम्योपैथिक दवाओं को अन्य उपचारों के साथ लिया जा सकता है. अधिकांश रोगी जैसे मधुमेह या उच्च रक्तचाप के रोग या हर्बल उपचार के साथ होम्योपैथ दवाओं को लिया जा सकता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com -सबसे पहले, सबसे आगे