Symptoms of pancreatic cancer: बॉलीवुड की खूबसूरत और बेहतरीन अदाकारा नरगिस दत्त ने अपने फिल्मी करियर में कई बेहतरीन फिल्में दीं, लेकिन ‘मदर इंडिया’ में उनका किरदार सदियों तक याद रखा जाएगा. नरगिस दत्त लगभग तीन दशक तक अपनी अदाकारी से सिनेमा प्रेमियों के दिलों पर राज करती रहीं. लेकिन एक गंभीर बीमारी ने उन्हें बॉलीवुड से छीन लिया. पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझते हुए 3 मई 1981 को उन्होने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.


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जिस पैंक्रियाटिक कैंसर की वजह से अभिनेता सुनील दत्त की पत्नी और संजय दत्त की मां का निधन हुआ वो एक खतरनाक रोग है. आइए इसे आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं.


पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे खतरनाक है?


पैंक्रियाटिक कैंसर, शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित करता है, जिसे पैंक्रियाज या अग्नाशय कहते हैं. पाचनतंत्र में इस अंग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हम जो खाना खाते हैं, उसे पचाने के लिए जिस रस और एंजाइम की जरूरत पड़ती है, वो पैंक्रियाज ही बनाता है. इसके अलावा इंसुलिन और दूसरे कई महत्वपूर्ण हार्मोन्स को बनाने का काम भी पैंक्रियाज करता है. अगर व्यक्ति का पैंक्रियाज काम करना बंद कर दे, तो उसका पूरा शरीर प्रभावित होता है. 


पैंक्रियाटिक कैंसर के सामान्य लक्षण?


  • कमजोरी महसूस होना.

  • अचानक वजन का घटना.

  • पीलिया की समस्या होना.

  • पेशाब का रंग पीला हो जाता है.

  • भूख न लगना.

  • जी मिचलाना और उल्‍टियां होना.

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द रहना.

  • मल का रंग सामान्य से ज्यादा पीला होना.


समय-समय पर कराते रहें चेकअप
पैंक्रियाटिक कैंसर के ये लक्षण आमतौर पर तब ही नजर आते हैं, जब कैंसर एडवांस लेवल में पहुंच जाता है. शुरुआती अवस्था में इसका पता लगाना मुश्किल होता है. इसलिए समय समय पर चेकअप कराते रहें. अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखें या फिर महसूस हों तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं. 


इन लोगों के लिए ज्यादा खतरा
मायोक्लीनिक के अनुसार, पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं. इसके अलावा कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं, जो  पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं.


  • पेट का इंफेक्शन

  • लिवर की समस्या

  • डायबिटीज

  • क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस


पैंक्रियाटिक कैंसर से बचने के टिप्स


  • धूम्रपान बंद करें. 

  • वजन को कंट्रोल रखें

  • फल और साबुत अजान का सेवन करें.

  • एक्सरसाइज को डेली रूटीन में शामिल करें.


अग्नाशय कैंसर का इलाज कैसे होता है?


अग्नाशय के कैंसर का उपचार आपके कैंसर के प्रकार, स्थान और चरण पर निर्भर करता है. इस कैंसर के उपचार के तीन तरीके हैं - सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी.


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​​


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