प्रग्नेंसी के दौरान एक महिला कई तरह के बदलावों से गुजरती है. ये महिलाओं के लिए सेंसिटिव समय भी होता है इसलिए खास ख्याल रखा जाना जरूरी है. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण भी गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. चारों ओर फैली स्मॉग की यह परत गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे उसके बच्‍चे के लिए बेहद ही नुकसानदायक हो सकती है.


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ऐसे गंभीर प्रदूषण से बचने के लिए गर्भवती महिला क्‍या करें इसको लेकर नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने कहा कि दिल्‍ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ता प्रदूषण गर्भवती महिलाओं के लिए समस्‍या पैदा कर सकता है. अगर ऐसे में महिलाएं इस खतरनाक प्रदूषण की चपेट में आती हैं तो उनमें इन्फेक्शन होने का खतरा ज्‍यादा बना रहता है. उन्हें कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है. इससे मां और बच्‍चे दोनों का खतरा हो सकता है. सांस लेने में दिक्‍कत के साथ और भी कई तरह की परेशानी आ सकती है.


गर्भ में पल रहे बच्चों को भी दिक्कत
डॉ. मीरा पाठक ने आगे कहा कि प्रदूषण की चपेट में आने से गर्भ में पल रहे बच्‍चे को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में जल्‍दी डिलीवरी होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. इसमें महिला को फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं के साथ एडीएचडी और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर होने की संभावना बनी रहती है.


मास्क पहनें और इम्यूनिटी बढ़ाएं
महिलाओं को इस बढ़ते प्रदूषण से बचने के उपाय सुझाते हुए डॉक्‍टर ने कहा कि वैसे तो स्मॉग की स्थिति में जितना हो सके, महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें. अगर फिर भी बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो एक बेहतर क्वालिटी का मास्‍क पहनकर ही घर से निकले. ऐसे में घर पर एयर प्यूरीफायर का भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्‍होने कहा कि गर्भवती महिलाएं इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन जरूर करें. पोषक तत्‍वों से भरपूर भोजन अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.