Asthma Prevention In Winters: गुलाबी सर्दी हर किसी की फेवरेट होती है. इस मौसम में लोग तरह-तरह के चीजें खाते-पीते हैं, कपड़ों को पहनने का भी फैशन बदल जाता है. लेकिन यही सुहावनी सर्दियां कई बीमारियां लोकर भी आती है. कुछ लोगों को यह मौसम आराम देता है, तो कुछ लोगों के लिए तकलीफ से भरा होता है. खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए सर्दियों के दिन काफी कष्टदाई होते हैं. इस मौसम में दमा के मरीजों को अटैक का खतरा बना रहता है. बता दें, अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हमारे फेफड़ों तक जाने वाली श्वासनली सकरी यानी पतली होने लगती है. इसके साथ ही इसमें अक्सर सूजन होने का खतरा भी रहता है. वहीं सांस नली में म्यूकस भी ज्यादा बनने लगता है, जिससे हमेशा गले में बलगम भरा रहता है. 


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जानें क्या है अस्थमा की बीमारी?
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है. क्योंकि यह फेफड़ों की बीमारी है. अस्थमा होने पर मरीज की सांस नली में सूजन आ जाती है. जिसके कारण मरीज को सिकुड़ी हुई सांस नली से सांस लेने में अधिक कठिनाई होती है. इसके साथ ही सीने में जकड़न, खांसी जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं. इतना ही नहीं अस्थमा के मरीजों को और भी कई चीजों से एलर्जी होती है और अटैक का खतरा बना रहता है.


कैसे करें बचाव
1.
अस्थमा के मरीजों को अटैक से बचाने के लिए उन्हें बाहर की खुली हवा में ज्यादा ना रहने दें. कोशिश करें वो घर में ही रहें. बाहर निकलने पर मुंह और नाक को पूरी तरह से ढक कर निकलें. 


2. सर्दियों के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं, इसलिए कोशिश करें कि अस्थमा के मरीजों की डाइट में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं. इससे आपके फेफड़ों में बलगम पतला होगा और शरीर से आसानी से बाहर आ सकेगा.


3. अगर आपके जानने में कोई अस्थमा का मरीज है तो, उसे धूल, प्रदूषण से बचाएं. सर्दियों में आग जल रही हो तो ऐसी जगहों पर उन्हें बिल्कुल ना बैठने दें


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.