नई दिल्ली: इलाज में कोताही का आरोप लगाकर डॉक्टरों और नर्सों से हाथापाई करने वाले सावधान हो जाएं. अब स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों की खैर नहीं. इलाज करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ सकता है. साथ ही लाखों रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इस बाबत संसद ने सोमवार को महामारी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी. 


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दोषियों को 7 साल की सजा का प्रावधान 
इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन को नुकसान, चोट, क्षति या खतरा पहुंचाने कर्तव्यों का पालन करने में बाधा उत्पन्न करने और स्वास्थ्य सेवा कर्मी की संपत्ति या दस्तावेजों को नुकसान या क्षति पहुंचाने पर जुर्माने और दंड का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अधिकतम पांच लाख रूपये तक जुर्माना और अधिकतम सात साल तक सजा का प्रावधान किया गया है.


लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले 3-4 वर्षों से हमारी सरकार लगातार महामारी जैसे विषयों से निपटने के बारे में समग्र एवं समावेशी पहल अपना रही है. बताते चलें कि उच्च सदन (राज्य सभा) ने कुछ दिन पहले ही इस महामारी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी थी. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया. इस संबंध में अध्यादेश अप्रैल में जारी किया गया था.


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उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महामारी रोग अधिनियम 1897 (Epidemic Diseases Act, 1897) में संशोधन किया गया है. इसमें महामारियों से जूझने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को संरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है. साथ ही, विधेयक में बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की शक्तियों में विस्तार करने का भी प्रावधान है.