Bakasan Benefits: हर रोज सुबह उठकर करें ये 1 आसन, कई बीमारियां रहेंगी दूर, मिलेंगे जबरदस्त फायदे
Bakasan Benefits: इस खबर में हम आपके लिए बताएंगे कि बकासन को करने की विधि क्या है? साथ ही इसके दौरान बरतने वाली सावधानी और फायदे भी जानेंगे.
Benefits of Bakasan: योग का जीवन में अपना महत्व है. अगर आप योग को जीवन में अपना लेते हैं तो कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं. इस खबर में हम आपके लिए लेकर आए हैं बकासन के फायदे. इसके अभ्यास से पीठ के ऊपरी हिस्से को स्ट्रेच मिलता है, जबकि आर्म्स, पेट का निचला हिस्सा और कलाईयां मजबूत होती हैं.
इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की स्थिति बगुले के समान हो जाती है. यही कारण होता है कि इसे बकासन कहते हैं.
क्या है बकासन?
बकासन यानी बक और आसन. बक का अर्थ होता है सारस जिसे बगुला भी कहते हैं, वहीं अंग्रेजी में क्रेन पोज या क्रो पॉज के नाम से भी जाना जाता है. बकासन इंटरमीडिएट/बेसिक लेवल की कठिनाई वाला हठ योग (Hatha Yoga) आसन है. इसे एक बार में अधिकतम 30 से 60 सेकेंड तक ही करना चाहिए.
बकासन करने का सही तरीका
सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और दोनों पैरों को मोड़कर बैठ जाएं.
अब अपने दोनों हाथों को आगे रखें और दाएं ऐर बाएं पैर के पंजो पर आएं.
इस दौरान आपके हाथों के बीच थोड़ा सा गैप जरूर होना चाहिए.
अब अपने कूल्हों को उठाएं और पैरों को हल्का सा मोड़ के पूरा बल दोनों हाथों पर दें.
अब अपने पैरों की एड़ियों को जमीन पर मिलाते हुए अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ें.
ध्यान रखें आपके हाथ अभी भी जमीन पर सटे होने चाहिए और दोनों के बीच में गैप होना चाहिए.
अब अपने घुटनों को कोन्ही के पास लेकर आएं और अपने कूल्हों को उठाएं.
फिर कूल्हों की मदद से कोन्ही पर घुटनों को रखने की कोशिश करें.
सबसे पहले बाएं पैर को उठाएं और उसके बाद दाएं पैर को उठाएं.
अब दोनों पैर एक सीध में होने चाहिए, अपनी क्षमता के अनुसार इस स्थिति में रहें.
इस बाद सबसे पहले बाएं पैर को जमीन पर रखें और उसके बाद दाएं पैर जमीन पर रखें.
बकासन से मिलने वाले फायदे
नियमित अभ्यास करने से अपर बैक को अच्छा स्ट्रेच मिलता है.
आपका दिमाग और शरीर चुनौतियों के लिए तैयार होने लगता है.
पेट की निचली मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पाचन क्रिया में सुधार आता है.
इस आसन से आपके शरीर का बैलेंस और फोकस सुधरता है.
ये आपकी कलाइयों और हाथों को मजबूत बनाता है.
नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी टोंड और मजबूत बनती है.
जांघ की भीतरी मांसपेशियां मजबूत होने लगती हैं.
बकासन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को न करें.
ह्रदय रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए.
कंधे में दर्द होने पर इस आसन को करना बंद कर दें.
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