धूम्रपान एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को प्रभावित करती है, बल्कि उसके आसपास रहने वालों को भी. एक हालिया शोध के मुताबिक, धूम्रपान करने वालों के आसपास रहने वाले लोगों को त्वचा संबंधी बीमारियों, जैसे दाद, खाज और सोराइसिस होने का खतरा ज्यादा होता है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस शोध में पाया कि धूम्रपान करने वालों से निकलने वाले धुएं में मौजूद रसायन थर्ड हैंड स्मोक कहलाते हैं. ये रसायन हवा में घुलकर धूम्रपान न करने वालों के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और त्वचा संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.


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शोध में शामिल शोधकर्ता शेन सकामाकी चिंग ने कहा कि थर्ड हैंड स्मोक से त्वचा में सूजन और जलन हो सकती है. इससे त्वचा की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं और दाद, खाज और सोराइसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. शोध में पाया गया कि धूम्रपान करने वालों के आसपास रहने वाले बच्चों में त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है. यह इसलिए क्योंकि बच्चों की त्वचा अधिक सेंसिटिव होती है.


क्या रही स्टडी
शोध में 22 से 45 साल के 10 लोगों को शामिल किया गया. इनमें से कोई भी धूम्रपान नहीं करता था. तीन घंटे के लिए हर व्यक्ति को धूम्रपान से निकले प्रदूषण वाली शर्ट पहन कर ट्रेडमिल पर 15 मिनट के लिए वॉक कराई गई. इसके बाद प्रतिभागियों के खून और मूत्र के नमूने लिए गए. इससे उनके शरीर के प्रोटीन समेत अन्य फैक्टर में बदलाव की जांच की गई. वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रदूषण के संपर्क में आने से लोगों के डीएनए, लिपिड और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा. ये सिगरेट पीने वाले लोगों को होने वाले नुकसान जैसा था. इनमें त्वचा संबंधी परेशानी देखी गई.


कैंसर का खतरा
थर्ड हैंड स्मोक श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. यह धूम्रपान करने वाले के कपड़े, बाल, फर्नीचर और अन्य सतहों पर चिपक जाता है. जब कोई व्यक्ति इन सतहों को छूता है, तो वह सिगरेट के धुएं के संपर्क में आता है. इससे श्वसन तंत्र की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है. ऑक्सीडेटिव बायोमार्कर बढ़ने से गंभीर बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है. ऑक्सीडेटिव बायोमार्कर शरीर में ऑक्सीजन की अधिकता से होने वाले नुकसान को मापते हैं. जब कोई व्यक्ति थर्ड हैंड स्मोक के संपर्क में आता है, तो उसके शरीर में ऑक्सीडेटिव बायोमार्कर बढ़ जाते हैं. इससे कैंसर, दिल की बीमारी और अन्य गंभीर बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है.