Brown Rice Disadvantages: भारत देश में लोग विभिन्न प्रकार का भोजन पसंद करते हैं. मौसम के हिसाब से भी यहां कई तरह की चीजें उपलब्ध रहती हैं. खाने के शौकीन लोगों के पास यहां खाने के लिए कई सारे विकल्प मौजूद रहते हैं. वहीं, कोरोना महामारी आने के बाद से लोग अपनी सेहत को लेकर काफी फिक्रमंद हो गए हैं. ऐसे में अधिकतर लोग फिट रहने के लिए हेल्दी फूड्स को डाइट में शामिल करते हैं. भारत का देसी भोजन है, दाल, चावल, रोटी, सब्जी. ये भोजन लगभग सभी लोगों को पसंद आता है, लेकिन कुछ लोग सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का इस्तेमाल करते हैं. 


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डॉक्टर्स का भी मानना है कि व्हाइट राइस के मुकाबले ब्राउन राइस सेहत के लिए ज्यादा अच्छी होती है. लेकिन कुछ लोग इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं. आपको बता दें सेहतमंद रहने के लिए आप जिस ब्राउन राइस का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह आपके लिए नुकसानदेय भी हो सकती है. चलिए जानते हैं इसके नुकसान करने वाले फैक्टर्स के बारे में...


1. ब्राउन राइस को पचाना मुश्किल
आप सोचते होंगे कि ब्राउस राइज खाने से शरीर फिट रहेगा. लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल, ब्राउन राइस अधिक खाने से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. ब्राउन राइस आसानी से डाइजेस्ट नहीं किया जा सकता है. साथ ही इसे खाने से आपको पेट संबंधी समस्या जैसे कब्ज आदि हो सकता है. अगर आप पेट की किसी भी समस्या गुजर रहे हैं, तो ब्राउन राइस का सेवन न करें.


2. फोलिक एसिड की कमी
अधिकतर लोग खाने में सफेद चावल का इस्तेमाल करते हैं, इसमें मौजूद फोलेट या फोलिक एसिड शरीर के लिए अच्छा माना जाता है. वहीं ब्राउन राइस में फोलिक एसिड की मात्रा बहुत कम होती है. ऐसे में अगर आप ब्राउन राइस का सेवन करते हैं तो शरीर को जरूरी फोलिक एसिड नहीं मिल पाता है. बता दें, गर्भवती महिलाओं के केस में फोलिक एसिड बहुत जरूरी होता है. इसलिए ऐसी महिलाएं ब्राउन राइस का सेवन न करें. 


3. सिर दर्द की समस्या
वैसे तो अगर आप शरीर को फिट रखने के लिए ब्राउन राइस का सेवन करते हैं, तो अधिक मात्रा में न करें. क्योंकि अधिक मात्रा में ब्राउन राइस खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे उल्टी और सिर दर्द की समस्या हो सकती है. वहीं ब्राउन राइस की वजह सोरायसिस और अन्य स्किन संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं.


4. ब्राउन राइस में फाइटिक एसिड
अगर आप ब्राउन राइस का सेवन करते हैं तो जान लें कि इसमें फाइटिक एसिड भारी मात्रा में होता है. ये हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदेय होता है. दरअसल, फाइटिक एसिड आसानी से शरीर में मिनरल्स को एब्जॉर्ब नहीं होने देता है. जिसकी वजह से शरीर में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स को एब्जॉर्ब होने में दिक्कत होती है और शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है.


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.