Cancer Warning Signs: पैंक्रियाज पेट के नीचे स्थित एक ग्रंथि अंग है, जो पैंक्रियाटिक कैंसर (pancreatic cancer) विकसित कर सकता है. ये तक होता है जब, सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बनाती हैं. ये सेल्स घातक होती हैं और पूरे शरीर में फैल सकती हैं. पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, हालांकि मरीजों द्वारा अनुभव किए जाने वाले कुछ सामान्य लक्षण हैं- भूख न लगना या बिना वजह वजन कम होना, स्किन का पीला पड़ना, गहरे रंग का पेशाब, खून के थक्के, थकान और स्किन में खुजली.


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पित्त में पाए जाने वाले पदार्थ बिलीरुबिन (bilirubin) के निर्माण से पीलिया हो जाता है, जिससे स्किन और आंखों का रंग पीला हो जाता है. पित्त नली लीवर से पित्त को छोटी आंत में ले जाती है. जब पैंक्रियाज का ट्यूमर, लीवर को पित्त छोड़ने से रोकता है, तो बिलीरुबिन का निर्माण होता है. पीलिया, एक बीमारी जो पैंक्रियाज के कैंसर वाले लोगों को प्रभावित कर सकती है और गंभीर खुजली पैदा कर सकती है. असहज और पुरानी खुजली वाली स्किन पैंक्रियाज कैंसर के प्रमुख लक्षणों में से एक है. खुजली को अक्सर एलर्जी प्रतिक्रियाओं के लिए नजरअंदाज कर दिया जाता है. चूंकि खुजली कैंसर जैसी घातक बीमारी का लक्षण हो सकती है, इसलिए स्किन को खुजलाने के बजाय डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है.


पैंक्रियाज में ट्यूमर का क्या कारण है?
शोधकर्ता अभी भी पैंक्रियाज के कैंसर के मुख्य कारणों के बारे में श्योर नहीं हैं, लेकिन कुछ सामान्य फैक्टर हैं, जो पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों में देखे जाते हैं, जैसे-


  • धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों का उपयोग

  • मोटापा या कमर के आसपास अधिक वजन होना

  • डायबिटीज (विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज) जो मोटापे से संबंधित है


क्या पैंक्रियाटिक कैंसर का आसानी से पता लगाया जा सकता है?
शुरुआती स्टेज में पैंक्रियाटिक कैंसर एक साइलेंट बीमारी हो सकती है, क्योंकि इस कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है और आमतौर पर इसका पता तब तक नहीं चलता जब तक यह एडवांस स्टेज तक नहीं पहुंच जाता. पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित होने पर कई फैक्टर के कारण कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं, जैसे पड़ोसी अंगों पर दबाव, हेल्दी पैंक्रियाटिक सेल्स द्वारा उत्पादित अणुओं में कमी, बीमारी का अपना मेटाबॉलिज्म,या ट्यूमर के शरीर के अन्य क्षेत्रों में प्रसार.


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