आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खानपान और अनहेल्दी जीवनशैली के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल एक आम समस्या बन गई है. उच्च कोलेस्ट्रॉल से रक्त वाहिनियों में रुकावट आने लगती हैं, जो दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य गंभीर हार्ट संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं. 


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हालांकि, सर्जरी या दवाओं के बिना इस समस्या का इलाज आयुर्वेद में संभव है. आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों और पत्तियों के बारे में बताया गया है जो रक्त वाहिकाओं को साफ करने और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करती हैं. इस लेख में हम आपको 5 ऐसे ही आयुर्वेदिक पत्तियों के बारे में बता रहे हैं, जो खून की नलियों को डैमेज से बचाने में मददगार साबित होती हैं- 


तुलसी के पत्ते 

तुलसी का सेवन आयुर्वेद में हजारों सालों से किया जाता रहा है. तुलसी के पत्ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में बेहद प्रभावी होते हैं. इन पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं और खून वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखते हैं. तुलसी के पत्तों का रस या पत्तियां चबाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है.

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पुदीना 

पुदीना ना केवल खाने में स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह रक्त को शुद्ध करने का काम भी करता है. पुदीना के पत्तों में नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को साफ करने में मदद करते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाता है. पुदीना की चाय या पत्तियों का रस रोजाना सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार हो सकता है.


कड़ी पत्ते 

कड़ी पत्ते आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और इनका सेवन शरीर के कई प्रकार के रोगों में लाभकारी माना जाता है. कड़ी पत्तों में उच्च मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. कड़ी पत्तियों का सेवन रक्त में जमी हुई वसा को घटाकर हार्ट की सेहत में सुधार करता है. आप कड़ी पत्ते को उबालकर या चाय में डालकर सेवन कर सकते हैं.


गिलोय के पत्ते

गिलोय के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं. गिलोय का सेवन करने से रक्त वाहिकाओं में जमा हुआ अवशेष साफ हो सकता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है. इसे काढ़ा या चूर्ण के रूप में लिया जा सकता है.

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नीम के पत्ते

नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो शरीर को शुद्ध करने में मदद करते हैं. नीम के पत्तों का सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है और रक्त वाहिकाओं में जमाव की समस्या दूर होती है. 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.