Diabetes Reversal: डायबिटीज को रिवर्स करने के लिए ज्यादा लें प्रोटीन; चावल, गेहूं का सेवन कर दें बंद
Diabetes Reversal: डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है. भारत में लगभग 7.4 करोड़ लोग डायबिटीज जबकि अन्य 8 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक के साथ जी रहे हैं. डायबिटीज के इलाज पर हाल ही में ICMR-INDIAB ने एक अध्ययन किया है. जानें क्या कहती है स्टडी.
Diabetes Reversal: डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. इसमें इंसान के शरीर में ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) कंट्रोल में नहीं रहता है. वर्तमान समय में बहुत से लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं. ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या डायबिटीज का इलाज संभव है या क्या इसे रिवर्स किया जा सकता है? इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज (ICMR-INDIAB) द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन में इस सरल प्रश्नों का उत्तर हो सकता है.
अध्ययन में डायबिटीज के लिए कार्ब की खपत को 55% तक कम करने, तथा प्रोटीन को 20% और फैट को 25% तक बढ़ाने की सलाह दी गई. आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट में हमारे आहार का 70% से अधिक हिस्सा होता है, इसलिए मूल रूप से अध्ययन जो सुझाव दे रहा है वह है अधिक पौधे और पशु प्रोटीन को बढ़ाना और कार्ब्स के एक छोटे हिस्से को कम करना. इसी तरह, प्रीडायबिटीज के लिए यह 56% तक कार्बोहाइड्रेट, 20% प्रोटीन और 27% फैट की सलाह दी है. इस अध्ययन के लिए कुल 18,090 लोगों का अध्ययन किया गया.
गेहूं का सेवन करें कम
अध्ययन में पता चला है कि डायबिटीज के मरीजों के गेहूं भी उतना खराब है जितना चावल. इसलिए डायबिटीज में गेहूं का सेवन कम करना चाहिए. यदि आप लंच में में 2 कप चावल या 4 रोटियां खाते हैं, तो इसे कम करने एक रोटी या 1.5 कप चावल में बदल लें. ये आपको अच्छा प्रोटीन दे सकता है. विशेषज्ञ रेड मीट के सेवन के खिलाफ भी सलाह देते हैं। वो कहते हैं कि प्लांट, मछली और चिकन वाला प्रोटीन अच्छा है, लेकिन रेड मीट नहीं.
भारत में डायबिटीज का बोझ
वर्तमान में भारत में 7.4 करोड़ लोग डायबिटीज जबकि अन्य 8 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक के साथ जी रहे हैं. भारत में मधुमेह का प्रसार 2009 में 7.1% से बढ़कर 2019 में 8.9% हो गया है. प्री-डायबिटिक बहुत तेजी से डायबिटीज में बदल जाता है. वैश्विक डायबिटीज महामारी में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है. भारत में डायबिटीज मरीजों की कुल संख्या में से 1.2 करोड़ लोग की उम्र 65 वर्ष की आयु से अधिक है, जो वर्ष 2045 में बढ़कर 2.7 करोड़ हो जाने का अनुमान है.
क्या हैं रिस्क फैक्टर
मोटापा
फिजिकल एक्टिव नहीं रहता
खराब लाइफस्टाइल
अनहेल्दी डाइट
पूर्वजों से
कम नींद
तनाव
अनियंत्रित ब्लड प्रेशर
अनियंत्रित ब्लड कोलेस्ट्रॉल
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