Diabetes in women: पुरुषों की तुलना में डायबिटीज महिलाओं को अलग तरह से प्रभावित करता है. 2020 के एक रिसर्च स्टडी के अनुसार, भारत में 35 से 49 वर्ष की उम्र की 10 में से एक महिला डायबिटीज से पीड़ित है. अध्ययन में पाया गया कि चार राज्यों (तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा) के 50 जिलों में यह बीमारी ज्यादा है. भारत के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में महिलाओं में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मामले हैं. बता दें कि भारत को दुनिया की डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है. भारत में 2019 में 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित थे.


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किस उम्र में महिलाओं को अधिक खतरा?
एक्सपर्ट के अनुसार, डायबिटीज किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकता है. महिलाओं को यौवन और किशोरावस्था के दौरान टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह दोनों हो सकते हैं. मेनोपॉज के बाद टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है. इसके अलावा, अगर डायबिटीज का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं है तो महिलाओं को 25 या 30 वर्ष की उम्र से डायबिटीज की जांच शुरू कर सकती हैं. वहीं, जिनका डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास है, उनको 20 साल की उम्र से डायबिटीज की जांच शुरू करना चाहिए. 


महिलाओं में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण
महिलाओं में मूल रूप से पुरुषों के समान ही लक्षण होते हैं. ज्यादा प्यास लगना, पेशाब आना, घाव जो ठीक नहीं होते हैं और थकान डायबिटीज के सामान्य लक्षण हैं. डायबिटीज का पहला लक्षण अक्सर जेनिटल संक्रमण होता है. एक्सपर्ट के अनुसार, मधुमेह से हाइपरटेंशन (हाई बीपी), हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी होने का चांस रहता है. डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर का भी खतरा रहता है.


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