बच्चों में अक्सर होने वाले सिरदर्द को न करें अनदेखा, हो सकती है गंभीर मानसिक बीमारी
Headache in kids: बच्चों में अक्सर होने वाले सिरदर्द को गंभीरता से लेना चाहिए. यह किसी गंभीर मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसमें से माइग्रेन सबसे प्रमुख है.
Kids Headache in Hindi: बच्चों में अक्सर होने वाले सिरदर्द को गंभीरता से लेना चाहिए. यह किसी गंभीर मानसिक बीमारी का लक्षण हो सकता है. डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों में होने वाले सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, चोट, या अन्य शारीरिक समस्याएं शामिल हैं. लेकिन अगर बच्चों को लगातार सिरदर्द हो रहा है, तो यह किसी गंभीर मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसमें से माइग्रेन सबसे प्रमुख है.
माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जो अक्सर बहुत तेज होता है और कई घंटों तक या यहां तक कि दिनों तक रह सकता है. यह अक्सर उल्टी, मतली और लाइट या शोर के प्रति सेंसिटिव के साथ होता है. आंकड़ों की मानें तो 15 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लगभग 75% बच्चे तेज सिरदर्द को अनुभव कर चुके होते हैं.
बच्चों में माइग्रेन
अकसर हम रोगों को उम्र से जोड़कर देखते हैं. यही कारण है कि बच्चों के मामले में माइग्रेन पर शुरुआत में हमारा ध्यान नहीं जाता. जबकि, माइग्रेन बच्चों में होने वाली पांच सबसे सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. बच्चों में माइग्रेन क्यों होता है, इसके बारे में स्पष्ट कुछ कहा नहीं जा सकता. माइग्रेन में नसें स्टीम्युलेशन के प्रति अधिक सेंसिटिव हो जाती हैं. ये स्टीम्युलेशन तनाव, थकान, भूख या कोई भी अन्य चीज हो सकती है. कई परिवारों में माइग्रेन पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है.
माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन के लक्षण बच्चों में उम्र के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं. छोटे बच्चों में, माइग्रेन के लक्षण अक्सर अस्पष्ट होते हैं. वे अक्सर रोते हैं, चिड़चिड़े होते हैं या सोने में परेशानी होती है. बड़े बच्चों में, माइग्रेन के लक्षण अधिक स्पष्ट होते हैं. वे अक्सर सिरदर्द, उल्टी, मतली, और लाईट या शोर के प्रति सेंसिटिविटी का अनुभव करते हैं.
माइग्रेन को ट्रिगर करती हैं ये बातें
अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार लगातार नींद की कमी बच्चों के नर्वस सिस्टम पर असर डालती है, जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है. बच्चों में बढ़ता तनाव व गैजेट्स का इस्तेमाल भी उनमें सिर दर्द की बड़ी वजह है. मौसम में अचानक आने वाला बदलाव, तेज गर्मी, तेज रोशनी, ह्युमिडिटी भी माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं. कुछ बच्चों को खाने-पीने की चीजों व कई तरह की खुशबुओं से एलर्जी होती है, ऐसे में एलर्जन का संपर्क भी माइग्रेन ट्रिगर कर देता है. डिहाइड्रेशन भी माइग्रेन को ट्रिगर करने का बड़ा कारण है. कुछ बच्चों को पानी की थोड़ी सी कमी होने पर सिरदर्द व चक्कर की शिकायत होने लगती है. एक बात और जिस पर ध्यान देना जरूरी है कि बच्चों को सिरदर्द से राहत देने के लिए दवा डॉक्टर से पूछ कर ही दें. सिर दर्द के लिए अधिक मात्रा में ओटीसी दवाओं का सेवन माइग्रेन ट्रिगर करता है, इसे मेडिकेशन ओवर यूज हेडेएक कहते हैं.